मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आमजन से अपील की है कि पृथ्वी को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना है। हम पौध-रोपण जैसे रचनात्मक कार्यों में जुट जाएँगे, तो पृथ्वी पर हरितिमा का विस्तार होता रहेगा। आज बहुत से नागरिक और स्वैच्छिक संगठन सामर्थ्यपूर्ण जीवन के सार्थक लक्ष्य निर्धारित कर अपनी भूमिका से राष्ट्र और समाजहित में नित नई ऊर्जा से हमारा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। ऐसा कार्य करने वालों के मार्गदर्शी और प्रेरक जीवन से अन्य लोगों के साथ ही मुझे भी समाजहित में कार्य की प्रेरणा मिली है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान अपने जन्मदिवस 5 मार्च को भी संकल्प के अनुसार पर्यावरण प्रेमियों के साथ पौध-रोपण करेंगे। राजधानी सहित प्रदेश के नगरों, ग्रामों में अंकुर अभियान में वृहद स्तर पर पौधे लगाए जाएँगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण की दृष्टि से मध्यप्रदेश में पौध-रोपण अभियान निरंतर चल रहा है। गत एक वर्ष से प्रतिदिन एक पौधा रोपने का पुनीत कार्य मैं स्वयं कर रहा हूँ। जीवन-दायिनी माँ नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से लिए गए संकल्प को 19 फरवरी 2022 को एक वर्ष पूर्ण हो गया है। इस एक वर्ष में मैंने 500 से अधिक पौधे रोपे हैं। जीवन के अन्य दैनिक कार्यों और व्यस्तताओं के साथ पौध-रोपण को मैंने अपने कार्य का अभिन्न अंग माना है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को हम सुरक्षित और संतुलित जीवन दे सकें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और क्लाईमेट चेंज के खतरे से जूझ रही है। इस समस्या के निराकरण का केवल एक ही उपाय है कि अधिक से अधिक पौध-रोपण करें। हमारा सौभाग्य है कि प्रकृति के प्रति ऋण उतारने का यह सुअवसर हमें मिल रहा है।
मध्यप्रदेश में जन-भागीदारी से प्रकृति के संरक्षण के कार्य को अभियान का रूप देने के लिए अंकुर अभियान चलाया गया है। समाज को साथ लेकर अब तक गाँव-गाँव, नगर-नगर में लाखों नागरिक पौध-रोपण अभियान का हिस्सा बने हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनुरोध किया है कि पर्यावरण-संरक्षण के लिए हर नागरिक नैतिक दायित्व लेकर पौध-रोपण कार्य में सहभागी बने और आने वाली पीढ़ियों के लिये प्रेरणास्पद जीवन का मार्ग प्रशस्त करे।