हिमाचल प्रदेश: आपदा प्रभावितों को 7 लाख रुपए देगी सुक्खू सरकार

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हिमाचल प्रदेश: आपदा प्रभावितों को 7 लाख रुपए देगी सुक्खू सरकार

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, समेज सहित प्रदेश के अन्य जिलों में आई प्राकृतिक आपदा और बाढ़ के कारण सब कुछ गंवाने वाले प्रभावितों के लिए सरकार ने विशेष आपदा राहत पैकेज घोषित किया है। जिसके तहत प्रत्येक प्रभावित परिवार को 7 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी। प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही होम स्टे योजना को शहरी क्षेत्रों में खोलने का रास्ता साफ कर दिया है। सचिवालय में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडलीय बैठक में सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास के भोटा स्थित अस्पताल की जमीन को सहयोगी संस्था के नाम करने के लिए लाए जाने वाले अध्यादेश को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। कैबिनेट में इस मामले को लेकर लंबी चर्चा हुई और पाया गया कि कुछ त्रुटियां है। इस मामले में मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है कि पहले इन त्रुटियों को दूर किया जाए और त्रुटियां दूर होने के बाद विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बिल लाया जा सकता है। मंत्रिमंडल बैठक में सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे 2500 एसएमसी शिक्षकों को नियमित करने का निर्णय लिया गया। जबकि शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में अतिथि शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। ऐसे शिक्षकों को प्रति पीरियड 200 से 500 रुपये मिलेंगे। मंत्रिमंडल ने उद्योग विभाग में 80 खनन रक्षकों की नियुक्ति के लिए 20 से 30 वर्ष की आयु सीमा तय करने के मापदंड को मंजूरी प्रदान की।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में पिछले दो वर्षों के दौरान राज्य में विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने में प्रदेशवासियों के सहयोग और कांग्रेस हाईकमान के अटूट समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया गया। मंत्रिमंडल ने बिलासपुर में आयोजित दो वर्ष के समारोह के सफल आयोजन के लिए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और विभिन्न सरकारी विभागों के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। शिमला जिले के समेज व रामपुर, कुल्लू जिले के जाओं-बागीपुल, निरमंड और मंडी जिले के टिक्कम थालू-कोट सहित आपदा प्रभावित क्षेत्रों को विशेष राहत पैकेज देने का निर्णय लिया। इस पैकेज के अंतर्गत पिछले वर्ष की तरह प्रभावित परिवारों को पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिए मुआवजा राशि को 1.5 लाख रुपये बढ़ाकर सात लाख रुपये किया जाएगा। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के नेतृत्व में होम स्टे के संचालन पर मंत्रिमंडलीय उप-समिति की सिफारिशों को मंजूरी देते हुए हिमाचल प्रदेश होम स्टे नियम-2024 को अधिसूचित करने का निर्णय लिया। नए प्रविधानों के अनुसार हिमाचलियों को प्राथमिकता दी जाएगी। होम स्टे की चार श्रेणियों के तहत पंजीकरण शुल्क निर्धारित किया गया है। अब होम स्टे निर्माण के लिए एनओसी की शर्त नहीं रहेगी। 4 कमरों की संख्या को बढ़ाकर 6 कर दी है। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्थानीय निकायों या किसी अन्य विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। हालांकि, उचित मल निकासी और कचरा निपटान तंत्र अनिवार्य होंगे। इसके अलावा, होम स्टे इकाइयों में वर्षा जल संचयन प्रणालियों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा। बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में जल विद्युत क्षेत्र पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई। इन प्रावधानों के अन्तर्गत सरकार 25 मेगावाट तक की उन परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए एक नीति का आकलन और निर्माण करेगी, जिनमें कोई प्रगति नहीं हुई है। वर्तमान में प्रदेश में इस तरह की 700 से अधिक रुकी हुई परियोजनाएं हैं। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में दक्षता बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल ने सैद्धांतिक रूप से स्वास्थ्य सेवा निदेशालय और चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के मध्य नर्सिंग, पैरामैडिकल, मिनिस्ट्रियल और गैर-मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों के सामान्य कैडर के विभाजन को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की। इन कर्मचारियों को अपने पसंदीदा कैडर का चयन करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) ट्रस्ट नियम-2016 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। संशोधन में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों का स्पष्ट समीकरण शामिल है और स्थानीय समुदाय को लाभान्वित करने के लिए सीधे प्रभावित क्षेत्र का दायरा पांच किलोमीटर से बढ़ाकर 15 किलोमीटर कर दिया गया है। इसके अलावा, डीएमएफ फंड का उपयोग कम से कम 70 प्रतिशत विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में किया जाना अनिवार्य किया गया है, जिसमें से 70 प्रतिशत फंड उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को आवंटित किया जाना चाहिए। निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा कार्यों का समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित करने के लिए मंत्रिमंडल ने लोक निर्माण विभाग में निविदा सूचना के ऑनलाइन प्रकाशन के समय को 10 दिन से घटाकर सात दिन, सहायक अभियंता/अधिशासी अभियंता द्वारा जारी किए जाने वाले स्वीकृति पत्र का समय 20 दिन से घटाकर 12 दिन, अधीक्षण अभियंता द्वारा जारी किए जाने वाले स्वीकृति पत्र को 27 दिन से घटाकर 17 दिन तथा मुख्य अभियंता द्वारा जारी किए जाने वाले स्वीकृति पत्र के समय को 30 दिन से घटाकर 22 करने का निर्णय लिया है। बैठक में प्रदेश में सूखे और क्षतिग्रस्त पेड़ों के निस्तातंरण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू करने को मंजूरी दी। इस निर्णय का उद्देश्य सड़कों के किनारे गिरे हुए या क्षतिग्रस्त पेड़ों को तुरन्त हटाना तथा उनका प्रबंधन सुनिश्चित करना है। मंत्रिमंडल ने प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, लागत को कम करने और स्कूल, अस्पताल, सड़क आदि जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए डीएफओ को 50 पेड़ों तक के लाट्स का प्रबंधन करने की शक्तियां प्रदान करने का निर्णय लिया।

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