मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार को ध्वनि मत से बजट पास हो गया। इस दौरान सदन में विपक्ष का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। तय समय से एक दिन पहले ही बजट सत्र समाप्त हो गया। सत्र की शुरुआत 14 फरवरी को हुई थी।
मीडिया की माने तो, CM सुखविंदर सुक्खू ने 17 फरवरी को बजट पेश किया था जो बुधवार को बिना विपक्ष के ही पारित हो गया। दरअसल बुधवार सुबह संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बीजेपी विधायकों को निष्कासित करने का प्रस्ताव पेश कर दिया। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि मंगलवार को बीजेपी के सदस्यों ने स्पीकर से गलत व्यवहार किया था। इसका हवाला देते हुए उन्होंने नियम 319 के तहत नेता विपक्ष जयराम ठाकुर समेत कई विधायकों को निष्कासित करने का प्रस्ताव पेश किया। जिसे पारित करने के बाद बीजेपी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच स्पीकर ने बीजेपी के 15 विधायकों को निष्कासित कर दिया। कुछ देर के लिए सत्र की कार्यवाही स्थगित की गई और मार्शल ने बीजेपी विधायकों को सदन से बाहर किया। दोपहर करीब ढाई बजे बजट को पारित करने के लिए रखा गया। सदन में बिना विपक्ष की मौजूदगी के ही बजट पारित हो गया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।
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