हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं: भोपाल-इंदौर में नया नियम लागू, सरकारी दफ्तरों में भी रोक

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भोपाल/इंदौर: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भोपाल और इंदौर के टू-व्हीलर चालकों के लिए अब हेलमेट पहनना केवल एक सुरक्षा उपाय नहीं, बल्कि एक अनिवार्य शर्त बन चुकी है। 1 अगस्त 2025 से लागू हुए इस कड़े आदेश के अनुसार अब बिना हेलमेट न तो पेट्रोल मिलेगा, न CNG, और न ही सरकारी दफ्तरों में एंट्री। यह निर्णय मध्यप्रदेश प्रशासन द्वारा सड़क हादसों में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए लिया गया है।

बढ़ते हादसों के बीच प्रशासन का सख्त फैसला

भोपाल और इंदौर में हाल के महीनों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह (भोपाल) और आशीष सिंह (इंदौर) द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया है कि कोई भी पेट्रोल पंप, CNG स्टेशन या सरकारी दफ्तर, बिना हेलमेट दोपहिया चालक को सेवा नहीं देगा।

किस कानून के तहत आया आदेश?

यह नियम मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 129, आपदा प्रबंधन अधिनियम और नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत लागू किया गया है। इसके तहत दोनों शहरों के पेट्रोल पंप संचालकों को आदेशित किया गया है कि वे बिना हेलमेट आए ग्राहक को ईंधन न दें। आदेश का उल्लंघन करने पर पंप संचालकों पर कानूनी कार्रवाई होगी, हालांकि उपभोक्ता पर क्या सज़ा होगी, इसका अभी स्पष्ट विवरण नहीं दिया गया है।

कहां, कैसे और किसको मिलेगी हेलमेट न पहनने की छूट?

यदि किसी व्यक्ति के पास मेडिकल इमरजेंसी या आकस्मिक परिस्थिति है, तो उसे इस नियम से अस्थायी रूप से छूट दी जाएगी। लेकिन अन्य सभी मामलों में यह नियम सख्ती से लागू होगा।

सरकारी दफ्तरों में बिना हेलमेट एंट्री नहीं

इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर सरकारी कार्यालयों में हेलमेट अनिवार्य करने की सिफारिश की थी। अब बिना हेलमेट किसी सरकारी दफ्तर में प्रवेश वर्जित कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों पर अमल

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष रिटायर्ड जज अभय मनोहर सप्रे ने इंदौर समीक्षा बैठक में हेलमेट अनिवार्यता, शराब पीकर वाहन चलाने पर सज़ा, और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्रोत्साहन जैसे बिंदुओं पर सख्त अमल की मांग की थी। यही दिशा-निर्देश अब जमीन पर उतारे जा रहे हैं।

कब से लागू होगा हेलमेट पहनने का आदेश? क्या मिलेगा दंड?

यह आदेश 1 अगस्त से 29 सितंबर 2025 तक लागू रहेगा। नियम का उल्लंघन करने पर IPC की धारा 223 के तहत चालान या अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इमरजेंसी में मिले सकेगी छूट

प्रतिबंध मेडिकल संबंधी मामलों व आकस्मिक स्थिति में लागू नहीं होगा। यह प्रतिबंध अन्य किसी नियम/आदेश के प्रतिबंध के अतिरिक्त होंगे।

यह आदेश 1 अगस्त 25 से लागू होगा। 29 सितंबर 25 तक की अवधि में प्रभावशील रहेगा।

इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था और संचालक के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता-23 की धारा 223 के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकेगी।

बिना हेलमेट आने वालों पर क्या कार्रवाई? पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन बिना हेलमेट के पेट्रोल देने पर पंप संचालक पर तो कार्रवाई करेगी, लेकिन जो पेट्रोल ले रहा है, उस पर क्या कार्रवाई होगी? सड़क पर पुलिस बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों को नहीं पकड़ पा रही है। इस पर भी सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए।

सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और रिटायर्ड न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने मंगलवार को इंदौर में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली थी। इस दौरान उन्होंने कुछ जरूरी निर्देश दिए थे।

 सरकारी कर्मचारियों और विद्यार्थियों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाए।
अगले 6 महीनों में सुधार के लिए रणनीति तैयार की जाए ताकि सकारात्मक बदलाव और नतीजे देखने को मिलें।

न्यायमूर्ति सप्रे ने कहा था कि इंदौर में लोगों को हेलमेट पहनने की आदत डालनी चाहिए। सीट बेल्ट के इस्तेमाल को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाए। शराब पीकर वाहन चलाने वालों और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। लोक परिवहन के साधन बढ़ाए जाएं ताकि सड़कों पर छोटे निजी वाहनों की भीड़ कम हो। पुलिस, सरकारी कर्मचारी और विद्यार्थी जब भी वाहन चलाएं, तो हेलमेट पहनना अनिवार्य हो।

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News & Image Source: khabarmasala

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