केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने वस्तु और सेवा कर (GST) के तहत अनिवार्य रूप से ई-चालान (इलेक्ट्रॉनिक चालान) जारी करने की सीमा को 50 करोड़ रुपये की पूर्व निर्धारित सीमा से घटाकर 20 करोड़ कर दिया है।
इसका मतलब है कि ₹20 करोड़ या उससे अधिक के कारोबार वाले व्यवसायों को 1 अप्रैल से ई-चालान जारी करना होगा। यदि चालान मान्य नहीं है, तो उस पर आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) लागू दंड को आकर्षित करने के अलावा प्राप्तकर्ता द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा लगता है कि यह संशोधन सरकार के डिजिटल अर्थव्यवस्था के एजेंडे के अनुरूप बनाया गया है।