4 दिन ईडी की रिमांड पर भेजे गए आप विधायक अमानतुल्लाह खान, कोर्ट ने रात में सुनाया फैसला

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4 दिन ईडी की रिमांड पर भेजे गए आप विधायक अमानतुल्लाह खान, कोर्ट ने रात में सुनाया फैसला

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छह घंटे चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने चार दिन के ईडी रिमांड पर भेज दिया। उन्हें दिल्ली वक्फ बोर्ड में भर्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है। सोमवार सुबह से विधायक के दरवाजे पर खड़ी ईडी की टीम को दोपहर में अर्धसैनिक बल बुलाकर कार्रवाई करनी पड़ी। इसके बाद ईडी ने राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में विधायक को पेश कर 10 दिन के रिमांड की मांग की। विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने दोनों पक्षों को सुनवाई के बाद शाम सात बजे निर्णय सुरक्षित रख लिया। देर रात सवा दस बजे निर्णय सुनाते हुए अदालत ने अमानतुल्लाह खान को चार दिन के रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि यह स्थापित सत्य है कि वित्तीय अनियमितता की साजिश गोपनीय तरीके से रची जाती है और और इसमें बड़े पैमाने पर सब पत्तियों की लेनदेन भी की जाती है। ऐसे मामले में आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ करने और इकट्ठा किए सबूत से आमना-सामना करने की जरूरत होती है। ऐसे में अमानतुल्लाह को चार दिन की डिमांड पर भेजते हुए एजेंसी को निर्देश दिया जाता है कि उनके साथ पूछताछ की पूरी कार्रवाई सीसीटीवी कैमरे में की जाएगी। इसके साथ ही अदालत ने अमानतुल्लाह को डाक्टर द्वारा दी गई दवाइयां ले जाने और घर का खाना खाने की कोर्ट ने अनुमति दे दी।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अदालत ने यह भी कहा कि एजेंसी ने अमानतुल्लाह को गिरफ्तारी की पूरी जानकारी दी है, ऐसे में गिरफ्तारी को अवैध नहीं कहा जा सकता है। अदालत ने कहा कि कौसर खान सिद्दीकी से बरामत डायरी के अनुसार विवादित सम्पति की खरीद के बदले 36 करोड़ दिए गए, जिसमें से 27 करोड़ नगद दिए गए थे।  रिमांड की मांग करते हुए एक तरफ जहां ईडी ने कहा कि उनका मामले से जुड़े अन्य आरोपितों और सुबूतों के साथ आमना-सामना कराना जरूरी है। वहीं, अमानतुल्लाह खान ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी। ईडी ने अदालत को बताया कि तलाशी के दौरान खान से कुछ सवाल पूछे गए, लेकिन वह टालमटोल करते रहे, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। ईडी ने अदालत को बताया कि खान इस मामले में पूरे विवाद के मुख्य आरोपित हैं और अपराध की आय का उपयोग संपत्ति खरीदने के लिए किया गया है। नकदी का भी इस्तेमाल किया गया है। ईडी ने आरोप लगाया कि अमानतुल्लाह ने अपराध की आय से 36 करोड़ रुपये जावेद अहमद सिद्दीकी और उसकी पत्नी आयशा को दिए। इन 36 करोड़ रुपये में से 27 करोड़ रुपये नगद और नौ करोड़ रुपये बैंक के जरिये दिए गए थे। वहीं, जीशान हैदर को 12.80 करोड़ दिए गए, इसमें से 8.90 करोड़ रुपये नगद में दिए गए थे। एजेंसी ने अमानतुल्लाह खान पर असहयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें 14 समन जारी किए गए थे और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वह केवल एक बार पेश हुए थे। अमानतुल्लाह से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दो प्राथमिकी से जुड़ा है। एक प्राथमिकी वक्फ बोर्ड में अनियमितताओं से संबंधित सीबीआइ से जुड़ी है, जबकि  दूसरा दिल्ली एसीबी द्वारा आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले से संबंधित है। ईडी ने आरोप लगाया है कि वक्फ बोर्ड में कर्मचारियों की अवैध भर्ती हुई और अमानतुल्ला खान के अध्यक्ष रहने के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से पट्टे पर देकर अवैध व्यक्तिगत लाभ कमाया गया। एजेंसी ने इस मामले में जनवरी में आरोप पत्र दायर किया और खान के तीन सहयोगियों जीशान हैदर, दाउद नासिर और जावेद इमाम सिद्दीकी सहित चार लोगों को नामित किया था।

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