7863 वर्ग किमी के एरिया में बनेगी इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी, देवास और सीहोर जिले आपस में जुड़ेंगे

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भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर और भोपाल के महानगर बनने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने मप्र मेट्रोपॉलिटन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 2025 का ड्राफ्ट तैयार करने की नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मेट्रोपॉलिटन एरिया के गठन के प्रस्ताव पर समीक्षा बैठक हुई। नगरीय आवास एवं विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय शुक्ला ने प्रेजेंटेशन में बताया कि इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया के प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है। भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी कर दी गई है।

दोनों शहरों के विकास का जिम्मा मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी का होगा। पढ़िए इंदौर-भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया में कौन-कौन से क्षेत्र आएंगे और इसका स्वरूप क्या होगा?

5 जिलों के 1756 गांव होंगे शामिल

इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में पांच जिले इंदौर, देवास, उज्जैन, धार और शाजापुर को शामिल किया गया है। कुल क्षेत्रफल करीब 9 हजार वर्ग किमी का होगा। इस एरिया की आबादी 55 लाख के करीब होगी। इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया को डेवलप करने का काम तेजी से हो रहा है।

इंदौर विकास प्राधिकरण( आईडीए) को नोडल एजेंसी बनाया है। आईडीए ने डेवलपमेंट प्लान तैयार करने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्त कर ली है। मेट्रोपॉलिटन एरिया को 4 चरणों में डेवलप किया जाना है, जिसमें इंसेप्शन, सिचुएशन एनालिसिस, रीजनल एवं इन्वेस्टमेंट प्लान और डीपीआर शामिल है।

इसके पहले चरण यानी इंसेप्शन का काम पूरा हो चुका है यानी ये तय हो गया है कि मेट्रोपॉलिटन एरिया का कुल क्षेत्रफल कितना होगा? इनमें कौन-कौन से जिले शामिल होंगे, तहसील और गांवों की संख्या कितनी होगी? अब सिचुएशन एनालिसिस का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा यानी इसमें शामिल जिलों की अलग-अलग तहसील, निकायों का डेटा, वहां की जनसंख्या, स्थापित उद्योग, क्षेत्र की विशेषता की स्टडी होगी।

इसके बाद वहां की भौगोलिक, आर्थिक, धार्मिक-सामाजिक स्थिति का आकलन होगा। कहां कौन सी इंडस्ट्री है, किस तरह की जरूरतें हैं, इसका भी खाका तैयार होगा। इसके बाद रीजनल एवं इन्वेस्टमेंट प्लान बनेगा, जिसमें ये देखा जाएगा कि मेट्रोपॉलिटन एरिया का समान रूप से विकास हो सके। इसके बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट जारी की जाएगी।

7863 वर्ग किमी के एरिया में बनेगी इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी

सीएम डॉ. मोहन यादव की पहल पर इंदौर और भोपाल को महानगरों के रूप में विकसित किया जा रहा है। इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी में इंदौर के अलावा उज्जैन, देवास और धार जिले को भी मिलाया जाएगा। मेट्रोपॉलिटन सिटी में पूरा इंदौर शामिल होगा जबकि उज्जैन, देवास और धार का कुछ हिस्सा भी इसमें जोड़ा जाएगा। इंदौर में इसके लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जा चुकी है।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने भोपाल-इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने की घोषणा की और तुरंत ही इसपर अमल करने के निर्देश देकर प्लान बनवाए। इंदौर महानगर की कवायद तेजी से चल रही है।

कुल 7863 वर्ग किमी का एरिया निर्धारित किया
इंदौर नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी के लिए प्रशासन ने योजना तैयार कर ली है। इसके लिए कुल 7863 वर्ग किमी का एरिया निर्धारित किया है। इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी में 19 निकाय शामिल किए जाएंगे। अगले दो ढाई दशकों में विकास का खाका तैयार करने के लिए डेढ दर्जन से ज्यादा विभागों से रिपोर्ट तलब ​की गई है।
इसी तरह भोपाल मेट्रोपॉलिटन सिटी भी विकसित की जाएगी जिसमें भोपाल के साथ ही सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ जिलों के हिस्सों को मिलाया जाएगा। भोपाल मेट्रोपॉलिटन के लिए प्रारंभिक योजना में भोपाल की 59 ग्राम पंचायतें और रायसेन जिले के मंडीदीप की 9 ग्राम पंचायतें शामिल की गई थीं। अब इनमें कई नए एरिया जुड़ेंगे। खाका फाइनल होने के बाद भोपाल मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी बनाई जाएगी। केंद्र सरकार व राज्य सरकार के बीच एमओयू होगा।

अवंतिका मेट्रोपॉलिटन रीजन नाम संभावित समीक्षा बैठक में इस बात पर भी विचार किया गया कि दोनों महानगरों का नाम क्या होगा? इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया के लिए तीन नामों का विकल्प रखा गया है।

    इंदौर-उज्जैन महानगरीय क्षेत्र
मालवा महानगरीय क्षेत्र
अवंतिका महानगरीय क्षेत्र

सूत्र बताते हैं कि बैठक में तीसरे विकल्प यानी अवंतिका महानगरीय क्षेत्र पर सैद्धांतिक सहमति बनी है। हालांकि, अंतिम फैसला मेट्रोपॉलिटन एक्ट बनने के बाद लिया जाएगा।

इंदौर में तेजी से काम की वजह इंदौर मेट्रोपॉलिटन के तेजी से हो रहे काम की वजह है सिंहस्थ 2028। दरअसल, इंदौर का जो एरिया तय हुआ है उसमें दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) को जोड़ा गया है। सरकार की कोशिश है कि इससे उद्योगों और व्यापार को नई गति मिले।

इससे देवास, पीथमपुर, उज्जैन और बदनावर जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही इंदौर, देवास और अन्य शहरों को मजबूत सड़क, रेल और हवाई मार्गों से जोड़ा जाएगा, जिससे सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके।

भोपाल के लिए जून में कंसल्टेंट की नियुक्ति भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया में भोपाल- सीहोर- रायसेन-विदिशा और राजगढ़ जिले के ब्यावरा को शामिल किया गया है। भोपाल विकास प्राधिकरण को मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलप करने के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। हालांकि अभी तय नहीं है कि इन जिलों का कितना क्षेत्रफल भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया में शामिल होगा।

साल 2022 में शिवराज सरकार ने भोपाल में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को मंडीदीप तक विस्तार करने के लिए मेट्रोपॉलिटन एरिया के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दी थी। उस वक्त भोपाल मेट्रोपॉलिटन का प्रांरभिक एरिया डिफाइन किया था, जिसमें भोपाल की 59 ग्राम पंचायतें और मंडीदीप निवेश क्षेत्र (रायसेन) की 9 ग्राम पंचायतें शामिल की गई थी।

समीक्षा बैठक में बताया गया कि कंसल्टेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर जारी किया गया है, जो जून में ओपन होगा।

भोजपाल महानगरीय क्षेत्र हो सकता है नाम

इंदौर की तरह भोपाल मेट्रोपॉलिटन एरिया के लिए भी तीन नाम सुझाए गए हैं…

    भोपाल महानगरीय क्षेत्र
मध्य प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र
भोजपाल महानगरीय क्षेत्र

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News & Image Source: khabarmasala

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