उर्दू के अत्याधिक सम्मानित आलोचक, लेखक और भाषाविद प्रोफेसर गोपी चंद नारंग का आज निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। उन्होंने अमरीका में अंतिम सांस ली जहां वे अपने पुत्र के साथ रह रहे थे।
प्रोफेसर नारंग को पदम भूषण और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी में भाषा, साहित्य, काव्य और सांस्कृति अध्ययन में 65 से अधिक समालोचनाम्क पुस्तकें लिखीं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय और जामिया मिल्ल्यिा इस्लामिया में प्रोफेसर एमेरिटस थे। उनका जन्म डुक्की में हुआ था जो अब पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है।
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