सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण मुद्दे पर मंगलवार से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सदन में इससे संबंधित 17 पन्नों का एक विधेयक पेश किया, जो पारित हो गया है। इस विधेयक में सरकार ने मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव है। महाराष्ट्र में इस समुदाय की आबादी 33 प्रतिशत है। आइए जानते हैं कि कब से मराठा आरक्षण की मांग हो रही है और विधेयक में क्या-क्या प्रावधान हैं।
बता दें कि, विधानसभा में पास होने से पहले बिल पर कैबिनेट ने मुहर लगाई। मराठा आरक्षण बिल पारित होने से मराठाओं को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण मिलेगा। राज्य में 52% आरक्षण पहले से है। 10% मराठा आरक्षण जुड़ने से रिजर्वेशन लिमिट 62% हो जाएगी। रिजर्वेशन कोटा 50% से ज्यादा होने से इस बिल को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने के फैसले को रद्द कर दिया था, क्योंकि रिजर्वेशन लिमिट 50% से ऊपर हो गई थी।
बिल पास होने के बाद सीएम शिंदे ने कहा- जो हमने बोला था, वो किया। हमने कोई राजनीतिक लाभ के लिए फैसला नहीं लिया है। मराठा समाज आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है। मराठाओं को आरक्षण मिलने से OBC या किसी अन्य समाज के आरक्षण को नुकसान नहीं होगा।
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