गरीब कल्याण रोजगार अभियान के आज दो वर्ष पूरे हो गए हैं। सरकार ने 2020 में आज ही के दिन पचास हजार करोड रूपये के संसाधनों के साथ इस अभियान की शुरूआत की थी। इसका उद्देश्य कोविड महामारी के कारण अपने घरों को लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार और आजीविका के अवसर उपलब्ध कराना था। इसके अन्तर्गत छह राज्यों के एक सौ 16 चुनिंदा जिलों में दीर्घकालीन आजीविका अवसरों तथा आय सृजन गतिविधियों को बढावा दिया गया। ये राज्य हैं – बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, ओडिसा, राजस्थान और उत्तरप्रदेश। इस अभियान में सरकार के 12 मंत्रालयों और विभागों ने भाग लिया । कोविड महामारी के दौरान केन्द्र सरकार ने कामगारों के लाभ के लिए कई और उपाय भी किए हैं। मनरेगा के अन्तर्गत मजदूरी एक सौ 82 रूपये से बढाकर दो सौ दो रूपये प्रति दिन कर दी गई। इससे लगभग 13 करोड 62 लाख परिवारों को लाभ हुआ। सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत 39 करोड 51 लाख नए रोजगार के अवसर प्रदान कर कर्मचारी भविष्य निधि खातों में दो हजार 583 करोड़ जमा किए ।
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