Gaganyaan Mission के एस्ट्रोनॉट्स के नाम का हुआ ऐलान, PM बोले- 4 दशक बाद भारतीय अंतरिक्ष में जाने के लिए तैयार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार से केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के दो दिवसीय दौरे पर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसी कड़ी में पीएम आज केरल पहुंचे और इसरो के चीफ एस सोमनाथ के साथ तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) का दौरा किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1800 करोड़ रुपए की लागत वाले तीन प्रोजेक्ट का शुभारम्भ किया है।

बता दें कि, तीनों फैसिलिटी स्पेस सेक्टर में विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अपग्रेड की जा रही हैं। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने गगनयान मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष में जाने के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्री नामितों के नामों का खुलासा किया और उनसे मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की सफलता देश की युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक स्वभाव के बीज बो रही है। 4 दशकों के बाद, कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने के लिए तैयार है।

मीडिया की माने तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन पर जाने वाले चार भारतीयों को आज सम्मानित किया। अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। प्रधानमंत्री मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम पहुंचे, जहां उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का दौरा किया और भारत के पहले अंतरिक्ष मानव मिशन गगनयान की तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान इसरो प्रमुख एस सोमनाथ, केरल के सीएम पी विजयन और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहे।

चार अंतरिक्ष यात्री के नाम

  • प्रशांत बालकृष्णन नायर
  • अंगद प्रताप
  • अजीत कृष्णन
  • शुभांशु शुक्ला

अंतरिक्ष यात्रियों के नाम के एलान के बाद पीएम मोदी ने कहा, इस बार उलटी गिनती, समय और यहां तक कि रॉकेट भी हमारा है। 21वीं सदी में भारत एक गतिशील वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है, जो विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकासात्मक प्रगति प्रदर्शित कर रहा है। मुझे खुशी है कि आज मुझे इन अंतरिक्ष यात्रियों से मिलने और उन्हें देश के सामने पेश करने का मौका मिला. मैं पूरे देश की ओर से उन्हें बधाई देना चाहता हूं.आप आज के भारत का गौरव हैं।

VSSC को मिले प्रोजेक्ट्स की विशेषताएं

आईपीआरसी महेंद्रगिरि में नई ‘सेमी-क्रायोजेनिक्स इंटीग्रेटेड इंजन और स्टेज टेस्ट सुविधा’ सेमी क्रायोजेनिक इंजन और चरणों के विकास को सक्षम करेगी जो वर्तमान लॉन्च वाहनों की पेलोड क्षमता को बढ़ाएगी। यह सुविधा 200 टन तक के थ्रस्ट वाले इंजनों का परीक्षण करने के लिए तरल ऑक्सीजन और केरोसिन आपूर्ति प्रणालियों से सुसज्जित है।

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में PSLV Integration Facility (PIF) अब 15 PSLV रॉकेट छोड़े जा सकेंगे जबकि इससे पहले मात्र 6 रॉकेट छोड़ने की क्षमता थी। यह अत्याधुनिक सुविधा एसएसएलवी और निजी अंतरिक्ष कंपनियों द्वारा डिजाइन किए गए। 40 वर्ष के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है। लेकिन इस बार टाइम भी हमारा है, काउंटडाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है।”

गगनयान देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है, जिसके तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।इस मिशन को अगले साल के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। 2024 में मानव रहित परीक्षण उड़ान अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य है, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। गगनयान मिशन का उद्देश्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मानव को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है।

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