मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तमिलनाडु के कलपक्कम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में भारत के पहले स्वदेशी प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (500 मेगावाट) में कोर लोडिंग की शुरुआत हो गई है। कोर लोडिंग के पूरा होने पर भारत ने अपने तीन चरणों वाले परमाणु कार्यक्रम के पहले चरण को पूरा कर लिया। अब बिजली उत्पादन शुरू होगा। इस ऐतिहासिक मौके पर पीएम मोदी भी मौजूद रहे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीएफबीआर खपत से अधिक बिजली पैदा करता है और परमाणु कचरा-यूरेनियम-238 को ईंधन के रूप में उपयोग करता है। प्रधानमंत्री ने रिएक्टर वॉल्ट और पीएफबीआर के नियंत्रण कक्ष का भी दौरा किया। आत्मनिर्भर भारत के तहत पीएफबीआर (500 मेगावाट) को एमएसएमई सहित 200 से अधिक भारतीय उद्योगों के सहयोग से भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लि. (भाविनी) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया है। हालांकि, भारत प्रयोग के तौर पर 1985 से ही फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर चला रहा है। पिछले साल एफबीटीआर को 40 मेगावाट पर करीब 120 चलाया गया और जिसने 2.15 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, पीएफबीआर एक उन्नत तीसरी पीढ़ी का रिएक्टर है, जिसमें अंतर्निहित निष्क्रिय सुरक्षा विशेषताएं हैं जो आपात स्थिति में संयंत्र को तुरंत और सुरक्षित रूप से बंद करना सुनिश्चित करती हैं। चूंकि यह पहले चरण से खर्च किए गए ईंधन का उपयोग करता है, एफबीआर उत्पन्न परमाणु कचरे में महत्वपूर्ण कमी के मामले में भी बड़ा लाभ प्रदान करता है। इस कारण, बड़ी भूवैज्ञानिक निपटान सुविधाओं की आवश्यकता से भी बचा जा सकता है।
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