मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अनुप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के इस्तीफे से बनी रिक्तियों को भरने के लिए 15 मार्च तक दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति होने की संभावना है। चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करने की उम्मीद से कुछ दिन पहले अरुण गोयल ने शुक्रवार सुबह इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा की।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में एक खोज समिति जिसमें गृह सचिव और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव शामिल होंगे, पहले दोनों पदों के लिए पांच-पांच नामों के दो अलग-अलग पैनल तैयार करेगी। बाद में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति, जिसमें एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी शामिल होंगे, चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के लिए दो व्यक्तियों का नाम तय करेगी।
मीडिया की माने तो सूत्रों ने कहा कि चयन समिति सदस्यों की सुविधा के आधार पर 13 या 14 मार्च को बैठक कर सकती है और नियुक्तियां 15 मार्च तक होने की संभावना है। हाल ही में सीईसी और ईसी की नियुक्ति पर एक नया कानून लागू होने से पहले, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी और परंपरा के मुताबिक, सबसे वरिष्ठ को सीईसी के रूप में नियुक्त किया जाता था।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, अरुण गोयल के इस्तीफे के पीछे के कारणों पर सवालों के जवाब में सूत्रों ने कहा कि हो सकता है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया हो। सूत्रों ने अरुण गोयल और राजीव कुमार के बीच मतभेद की खबरों को खारिज किया है। शुक्रवार सुबह इस्तीफा देने वाले अरुण गोयल चुनाव ड्यूटी के लिए पूरे भारत में केंद्रीय बलों की तैनाती और आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग और शीर्ष गृह मंत्रालय और रेलवे अधिकारियों के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए।
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