मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वैश्विक बाजार में एकीकरण के संबंध में भारत दो प्रमुख मापदंडों जीडीपी अनुपात में निर्यात और सेवा निर्यात में चीन से आगे निकल गया है। डीएचएल ग्लोबल कनेक्टेडनेस रिपोर्ट के मुताबिक, जीडीपी की तुलना में भारत का निर्यात अनुपात 2021 के बाद से चीन से अधिक हो गया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, निर्यात व आयात दोनों के लिए देश का सेवा व्यापार भी बहुत अधिक है। बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2021 व 2022 में जीडीपी के अनुपात में भारत का निर्यात और आयात तेजी से बढ़ा है। वस्तु-सेवा निर्यात जीडीपी का 23 फीसदी और आयातित वस्तुओं व सेवाओं का 26 फीसदी से अधिक रहा है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, वैश्विक बाजार में एकीकरण के संबंध में भारत दो प्रमुख मापदंडों जीडीपी के अनुपात में निर्यात और सेवा निर्यात पर चीन से आगे निकल गया है। डीएचएल और न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल आफ बिजनेस की तरफ से यहां जारी ‘न्यू डीएचएल ग्लोबल कनेक्टेडनेस रिपोर्ट-2024’ में कहा गया है कि 2021 के बाद से भारत का जीडीपी के अनुपात में निर्यात चीन से अधिक हो गया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जबकि निर्यात और आयात दोनों के मामले में देश का सेवा व्यापार भी तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 और 2022 में जीडीपी के हिस्से के रूप में भारत का निर्यात और आयात तेजी से बढ़ा। देश में वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात सकल घरेलू उत्पाद का 23 प्रतिशत (2020 में 19 प्रतिशत से अधिक) और वस्तुओं और सेवाओं के आयात का हिस्सा जीडीपी के 26 प्रतिशत (2020 में 19 प्रतिशत से भी अधिक) पर पहुंच गया है।
मीडिया की माने तो रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सेवा व्यापार तीव्रता निर्यात और आयात दोनों के मामले में चीन से कहीं अधिक है। हालांकि, जहां तक वस्तु व्यापार का संबंध है, भारत में जीडीपी के अनुपात में आयात अधिक होता है जबकि चीन में निर्यात की हिस्सेदारी अधिक है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वैश्विक व्यापार 2022 में रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था और कोरोना महामारी, यूक्रेन तथा गाजा में युद्ध और अमेरिका-चीन व्यापार संघर्ष जैसे विभिन्न झटकों के बावजूद यह 2023 में भी लगभग ऊंचा बना हुआ है। रिपोर्ट में 2024 में वैश्विक व्यापार में तेजी आने का अनुमान लगाया है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, डीएचएल एक्सप्रेस के सीईओ जान पियर्सन ने कहा, ‘रिपोर्ट के निष्कर्ष स्पष्ट रूप से वैश्वीकरण के रुख के पलटने की धारणा को खारिज कर देते हैं। आज वैश्वीकरण सिर्फ चर्चा का कारण नहीं है, बल्कि एक प्रभावशाली शक्ति है जिसने हमारी दुनिया को गहराई से नया आकार दिया है और इसमें और भी बड़ी संभावनाएं हैं।
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