मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने सभी सरकारी बैंकों से सोने के गहनों के एवज में दिए गए कर्ज की स्थिति की समीक्षा करने को कहा है। कई मामलों में नियमों का अनुपालन न होने का मामला सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है। वित्तीय सेवा विभाग यानी डीएफएस ने सरकारी बैंकों को हाल में लिखे पत्र में कहा कि इस समय कर्ज से संबंधित प्रणाली और प्रक्रियाओं पर ध्यान देने की जरूरत है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, डीएफएस सचिव विवेक जोशी ने कहा, हमने बैंकों से सोने के एवज में दिए गए लोन की व्यापक समीक्षा करने को कहा है। गारंटी के बिना सोने के एवज में कर्ज का वितरण, शुल्क संग्रह और नकद में भुगतान को लेकर गड़बड़ियां पाई गई हैं। इन्हें दुरुस्त करना जरूरी है। डीएफएस ने बैंकों से एक जनवरी, 2022 से 31 जनवरी, 2024 तक की अवधि के लोन की गहन समीक्षा करने को कहा है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, समीक्षा का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गोल्ड लोन बैंकों की नियामकीय और आंतरिक नीतियों के अनुरूप दिए गए हैं। विभाग के समक्ष ऐसे कर्ज के संबंध में नियमों का अनुपालन नहीं होने के मामले सामने आए हैं। मीडिया की माने तो केंद्र ने आरबीआई को शुल्क का भुगतान किए बिना सोना आयात की मंजूरी दी है। इसका लक्ष्य केंद्रीय बैंक के लिए सोना आयात की लागत को कम करना है।
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