मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रूस में इस समय राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। दुनिया भर में रूसी लोग अपने मतदान का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत के केरल में रहने वाले रूसी नागरिकों ने भी तिरुवनंतपुरम में मतदान किया। उन्होने यहां रशियन हाउस में स्थित रूसी संघ के मानद वाणिज्य दूतावास में विशेष रूप से व्यवस्थित बूथ पर वोट डाला।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, रूस के मानद वाणिज्य दूत और तिरुवनंतपुरम में रूसी हाउस के निदेशक रथीश नायर ने केरल में मतदान प्रक्रिया में सहयोग के लिए रूसी नागरिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ‘यह तीसरी बार है जब रूसी संघ का वाणिज्य दूतावास रूसी राष्ट्रपति चुनावों के लिए मतदान की मेजबानी कर रहा है। यह यहां रहने वाले रूसी लोगों और पर्यटकों के लिए है। हमें रूसी संघ के केंद्रीय चुनाव आयोग के साथ जुड़कर खुशी हो रही है। मैं अपने नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया में वोट डालने के लिए उनके सहयोग और उत्साह के लिए केरल में रूसी नागरिकों का बहुत आभारी हूं।’
मीडिया सूत्रों के अनुसार, चेन्नई में वरिष्ठ महावाणिज्य दूत सर्गेई अजुरोव ने कहा, ‘हम राष्ट्रपति चुनाव के प्रारंभिक मतदान का आयोजन कर रहे हैं। हम यहां भारत में रहने वाले रूसी संघ के नागरिकों के लिए एक अवसर प्रदान करने के लिए हैं।’
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रूसी नागरिक उलिया ने रूसी सदन और भारत में महावाणिज्य दूतावास का आभार जताया। उन्होंने कहा, ‘आज रूसी नागरिकों और पर्यटकों ने मतदान किया। हर नागरिक के लिए चुनावी प्रक्रिया में भाग लेना महत्वपूर्ण है। हर कोई यहां आकर चुनाव में भाग लेने के लिए आभारी और खुश है। यह हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए, हम यह मौका प्रदान करने के लिए चेन्नई से रशियन हाउस और भारत में महावाणिज्य दूतावास के आभारी हैं।’
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस साल 15 से 17 मार्च तक रूसी लोग मतदान करेंगे। अकटलें लगाई जा रही हैं कि एक बार फिर व्लादिमीर पुतिन ही जीतेंगे। 71 साल के पुतिन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन रूस की राजनीतिक व्यवस्था पर उनका पूरा नियंत्रण है, जिसे उन्होंने 24 साल की अपनी सत्ता में स्थापित किया है। पुतिन को चुनौती दे सकने वाले उनके प्रमुख आलोचक या तो जेल में हैं या विदेश में रह रहे हैं। देश में स्वतंत्र मीडिया पर मुख्य रूप से प्रतिबंध है। ऐसे में 15 मार्च से 17 मार्च के बीच होने वाले चुनाव में पुतिन की जीत निश्चित लग रही है।
रूसी मीडिया रिपोर्ट की मानें तो, रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्रों जैसे पूर्वी कामचटका और चुकोटका में मतदान केंद्र पहले ही खुल गए थे। कामचटका के राज्यपाल व्लादिमीर सोलोडोव ने क्षेत्र में सबसे पहले वोटिंग की। वहीं, डोनबास और नोवोरोसिया में पहली बार चुनाव हो रहे हैं। दोनों क्षेत्रों के लोग पहली बार अपने राष्ट्रपति का चयन करेंगे। बता दें, डोनबास और नोवोरोसिया यूक्रेनी शहर हैं, जिस पर अब रूस का कब्जा है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग की अध्यक्ष एला पामफिलोवा ने बताया कि ऐसा पहली बार है कि रूस में तीन दिनों तक मतदान हो रहे हैं और लोगों को यह पहल पसंद आई है क्योंकि उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने के लिए अधिक समय मिल रहा है। रूस के 94,000 से अधिक मतदान केंद्र सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक खुले रहेंगे। मतदान औपचारिक रूप से 17 मार्च को रात 9 बजे (स्थानीय समय) खत्म हो जाएंगे। लोगों के पास इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोट डालने का भी विकल्प है। मॉस्को सहित 29 अलग-अलग क्षेत्रों में ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा उपलब्ध है। 4.7 मिलियन से अधिक लोगों ने ऑनलाइन वोट करने के लिए आवेदन किया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, हालांकि, प्रारंभिक और डाक मतदान पहले ही शुरू हो चुका है, जिसमें यूक्रेन का कुछ हिस्सा भी शामिल हैं। यदि किसी उम्मीदवार को आधे से अधिक वोट नहीं मिल पाए तो तीन सप्ताह बाद दूसरे दौर का मतदान होगा। अगर पुतिन दोबारा राष्ट्रपति पद के चुनाव जीतते हैं तो वह करीब 2030 तक सत्ता पर बने रहेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक गैर-सरकारी मतदान संगठन, लेवाडा सेंटर की एक रिपोर्ट की मानें तो पुतिन की रेटिंग 86 प्रतिशत से अधिक है। युद्ध के दौरान उनकी लोकप्रियता और बढ़ गई है। मॉस्को की तात्याना का कहना है कि मैं पुतिन को वोट दे रही हूं। मुझे पुतिन पर भरोसा है। वह बहुत शिक्षित हैं। पुतिन वैश्विक नेता हैं। मैं पुतिन के नेतृत्व का समर्थन करती हूं।
यह हैं राष्ट्रपति पद के दावेदर
- निवर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
- व्लादिस्लाव दावानकोव
- लियोनिद स्लटस्की
- निकोले खारितोनोव
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए शुरुआत में 33 लोगों ने दावेदारी की थी लेकिन 15 लोग ही आवश्यक दस्तावेज जमा कर पाए। हालांकि, एक जनवरी को दस्तावेज जमा करने की अंतिम समय सीमा तक 11 उम्मीदवार ही राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए बचे। अंत में चार ही उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में आ पाए।
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