श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सांसदों से कहा है कि महीनों से खाद्य पदार्थों, ईंधन और बिजली की कमी के कारण कर्ज के बोझ से दबे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। श्री विक्रमसिंघे ने संसद में कहा कि देश आज इससे भी ज्यादा गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के पास ईंधन आयात करने की क्षमता नहीं बची है, क्योंकि पैट्रोलियम कंपनियों का कर्ज बहुत ज्यादा हो गया है। उन्होंने संसद को बताया कि सरकार चीन, भारत और जापान के साथ एक सम्मेलन आयोजित करेगी, जिसके माध्यम से इन देशों से आर्थिक मदद की मांग की जाएगी । दो मुख्य विपक्षी दलों ने संसद के चालू सत्र का बहिष्कार किया है। इन दलों का मानना है कि प्रधानमंत्री, जो वित्तमंत्री भी हैं, ने एक महीने पहले जिस वादे के साथ सरकार का गठन किया था, इसे पूरा करने में वे विफल रहे हैं।
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