मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय रेलवे ने ट्रेन किराये में वरिष्ठ नागरिकों को दी जा रही रियायत को समाप्त कर चार साल में 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी से इसका खुलासा हुआ। रेल मंत्रालय ने कोविड-19 के कारण देशव्यापी तालाबंदी की घोषणा के बाद वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली ट्रेन किराये में छूट वापस ले ली थी।
जानकारी के लिए बता दे, रेलवे महिला यात्रियों को ट्रेन किराये में 50 प्रतिशत, पुरुष और ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 प्रतिशत की छूट देता था। रेलवे के नियमों के अनुसार, 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के पुरुष व ट्रांसजेंडर और 58 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाएं वरिष्ठ नागरिक मानी जाती हैं। मध्य प्रदेश के चंद्र शेखर गौड़ की ओर से अलग-अलग समय पर आरटीआई अधिनियम के तहत दायर किए गए कई आवेदनों से खुलासा हुआ है कि 20 मार्च, 2020 से 31 जनवरी, 2024 तक रेलवे ने 5,875 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त राजस्व कमाया।
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