मीडिया सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, निरीक्षण के दौरान चरगवां स्थित एक वेयर हाउस में सड़ा-घुना व पुराना गेहूं पाया गया। गेहूं खरीदी में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार मामले चार अधिकारियों पर निलंबन की गाज गिरी है।जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के अनुसार राघव वेयरहाउस चरगंवा का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान पुराना, घुना हुआ और नॉन एफएक्यु गेहूं स्टैक्स लगाकर कर भंडारित किया जाना पाया गया। गेहूं सूखा भरतपुर सहकारी समिति द्वारा समर्थन मूल्य पर कथित किसानों से ख़रीदा गया था। कुल 212 किसानों से 25800 क्विंटल की ख़रीदी दर्ज की गई। उपार्जन मार्कफेड द्वारा लगभग 20,000 क्विंटल खरीदी की अनुमति दी गई थी। इसके आधार पर कुल भुगतान राशि 6.19 करोड़ के विरुद्ध 4.56 करोड़ का भुगतान हो चुका है। प्राथमिक जांच में कुल 13 स्टैक्स में से 2 स्टैक्स में अंदर की लेयर में पुराना, घुना हुआ और नॉन एफएक्यू गेहूं पाया गया है। अन्य स्टैक्स में भी ख़राब गेहूं भंडारित होने की आशंका है।
जानकारी के लिए बता दें कि, ख़रीदी घपले में समिति प्रबंधक राकेश नंदेसरिया, खरीदी केंद्र प्रभारी भूपेंद्र सिंह पटेल, अभिषेक दीक्षित वेयरहाउस संचालक, ऑपरेटर सृंजल जैन, सर्वेयर प्रवीण रजक और शुभम शर्मा की संलिप्तता प्रथम दृष्ट्या पाई गई है। इस घोटाले के मामले में नोडल अधिकारी रघुनाथ कुदौलिया सहकारिता निरीक्षक तथा जेएमओ भावना तिवारी एवं कुंजम सिंह राजपूत को निलंबित कर दिया गया था। वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन की शाखा प्रबंधक प्रियंका पठारिया के निलंबन का प्रस्ताव विभागीय एमडी को भेजा गया था। उन्हें भी विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया है।
Image Source : Social media
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