मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी चक्रव्यूह का पांचवां द्वार बेहद खास है। 20 मई को होने वाली परीक्षा पर पूरे देश की नजर होगी। इस चरण में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, महिला कल्याण मंत्री स्मृति जूबिन इरानी, केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री कौशल किशोर के रणकौशल का इम्तिहान तो होगा ही, राहुल गांधी की भी परीक्षा होगी। 2019 की बात करें तो पांचवें चरण की 14 सीटों में से रायबरेली को छोड़कर बाकी सभी पर भगवा परचम फहराया था। कांग्रेस का अमेठी का किला भी केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी ने दरका दिया था। इसलिए सबसे बड़ी परीक्षा भाजपा की होनी है। सबकी नजर फैजाबाद सीट पर भी होगी। क्योंकि अयोध्या इसी क्षेत्र में आता है। राममंदिर बनने के बाद यहां पहला चुनाव है। ऐसे में यहां से निकले जनादेश का असर दूर तलक जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भाजपा से तीसरी बार मैदान में हैं। वहीं, सपा ने अपने जुझारू विधायक रविदास मेहरोत्रा को मैदान में उतारा है। बसपा से सरवर मलिक मैदान में हैं। बसपा भले ही नजर नहीं आ रही हो, पर सपा के वोटबैंक में सेंधमारी तो करेगी ही। ऐसे में इसका सबसे अधिक फायदा भाजपा को ही मिलेगा। वैसे भी लखनऊ को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। भाजपा ने सपा से आए आरके पटेल पर दूसरी बार दांव लगाया है। वह भाजपा के परंपरागत वोटबैंक के साथ बिरादरी के सहारे हैं, लेकिन ब्राह्मण मतदाताओं में नाराजगी है। सपा ने भाजपा सरकार में मंत्री रहे शिवशंकर सिंह पटेल की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कृष्णा पटेल पर दांव लगाया है। सपा का परंपरागत वोटबैंक साथ है, लेकिन बिरादरी को साधना चुनौती है। बसपा ने पूर्व विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के बेटे मयंक द्विवेदी को मैदान में उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया है।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी ने पिछली बार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर बड़ा उलटफेर किया था। कांग्रेस ने गांधी परिवार के भरोसेमंद किशोरी लाल शर्मा पर दांव लगाया है। वहीं, बसपा ने नन्हे सिंह चौहान को मैदान में उतारा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कांग्रेस के प्रचार की खुद कमान संभाली। राहुल व अखिलेश यादव ने भी यहां साझा सभा की। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ स्मृति के लिए दो, तो भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा एक सभा कर चुके हैं। आखिरी दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रोड शो भी किया। कांग्रेस से इस बार सोनिया गांधी की जगह राहुल गांधी मैदान में हैं। भाजपा ने योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को दोबारा उतारा है। वहीं, बसपा ने ठाकुर प्रसाद यादव को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बनाने की कोशिश की है। बेटे राहुल की जीत पक्की करने के लिए अस्वस्थ होने के बावजूद सोनिया उनके नामांकन और सभा में शामिल हुईं। भाजपा ने भी इस सीट पर राहुल की राह में कांटे बिछाने की पूरी कोशिश की है। न सिर्फ सपा विधायक मनोज पांडेय को भाजपा में शामिल कर लिया, बल्कि प्रदेश की यह इकलौती सीट है, जिस पर दो बार जनसभा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आए। यहां कांग्रेस और भाजपा में सीधी लड़ाई है।
Image Source : TOI
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