मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,देश की जीडीपी 2023-24 में 6.9 से 7 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च अवधि में इसकी रफ्तार 6.2 फीसदी रहने का अनुमान है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, पहली दो तिमाहियों में वृद्धि दर को कम आधार का फायदा मिला। हालांकि, तीसरी (अक्तूबर-दिसंबर) तिमाही में 8.4 फीसदी की वृद्धि दर आश्चर्यजनक थी। सरकार चौथी तिमाही और 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के शुरुआती अनुमान 31 मई को जारी कर सकती है। सिन्हा ने कहा, जब हम आंकड़ों का विश्लेषण करते हैं तो पता चलता है कि जीवीए और जीडीपी के बीच अंतर है। तीसरी तिमाही में जीडीपी को बड़ा प्रोत्साहन उच्च कर संग्रह से मिला है, लेकिन चौथी तिमाही में ऐसा होने की संभावना नहीं है।
जानकारी के लिए बता दें कि, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने 2018-19 में रिलायंस कमर्शियल में पेशेवर कदाचार और ऑडिटिंग से जुड़ी खामियों के लिए दो ऑडिटरों पर 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। नियामक ने श्रीधर एंड एसोसिएट्स पर दो करोड़ और अजय वस्तानी पर 50 लाख का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, वस्तानी पर किसी भी कंपनी या निकाय के संबंध में कोई भी ऑडिट करने से पांच साल के लिए रोक लगाया गया है। पीडब्ल्यू ने 2018-19 के लिए ऑडिट रिपोर्ट जारी किए बिना कंपनी के ऑडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कंपनी के बोर्ड ने जून, 2019 में श्रीधर एंड एसोसिएट्स को ऑडिटर नियुक्त किया था।
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