मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें उसने संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले की वैधता को बरकरार रखा था। अनुच्छेद 370 ने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान किया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, संविधान में जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था। अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था और संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को वैध माना था। इससे पहले केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ 23 याचिकाएं दायर की गईं थीं। जिन पर सुप्रीम कोर्ट में 16 दिन सुनवाई चली और सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर 2023 को सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, केंद्र सरकार की तरफ से गृहमंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम विधेयक को राज्यसभा में पेश किया था। इसमें जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया। राज्यसभा में उसी दिन इसे पारित कर दिया गया। 6 अगस्त 2019 को इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया गया और उसी दिन वहां से भी यह पारित हो गया। 9 अगस्त 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई, जिसके बाद जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हट गया था।
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