लू के दिनों में चार गुना इजाफा, 23 राज्यों पर भीषण गर्मी का कहर; पहाड़ी राज्यों पर भी अब असर

0
62

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, धरती के बढ़ते ताप की वजह से देश में बीते 10 साल में लू प्रभावित राज्यों की संख्या में 35 फीसदी का इजाफा हुआ है और इनकी संख्या 23 हो गई है, जबकि गर्म लहरों के दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर औसतन चार गुना की बढ़ोतरी हुई है। यह जानकारी भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की संयुक्त रिपोर्ट में सामने आई है। साल 2022 में शुरुआती लू की आशंका 30 गुना अधिक थी। यह साल पांचवां सबसे गर्म रहा, जबकि 2023 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है। 2015 से 2024 के बीच देश में अत्यधिक गर्मी प्रभावित राज्यों की संख्या 17 से बढ़कर 23 पहुंच गई है। राज्यों की इस सूची में अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड का नाम शामिल हुआ है, जहां मैदानी राज्यों की तरह भीषण गर्मी और गर्म हवाओं के चलते जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि, गर्मी का यह ट्रेंड जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को साबित करता है। 2014 से पहले तमिलनाडु और केरल जैसे तटीय और हिमाचल व अरुणाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में गर्म लहरें यानी लू का असर नहीं था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में खासतौर पर कोरोना महामारी के बाद 2021 से 2023 के बीच काफी तेजी से मौसम में बदलाव आया है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने हाल ही में बताया कि 2023 में 329 दिन लू का असर रहा जो 2022 में 203 दिन था। वहीं, 2014 से 2023 के बीच राष्ट्रीय स्तर पर औसतन लू प्रभावित दिनों की संख्या 7.4 से बढ़कर 32.2 दिन तक पहुंच गई है।

Image Source : Social media

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here