मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आर्थिक वृद्धि दर कम रहने से बैंकों की कर्ज वृद्धि चालू वित्त वर्ष यानी 2024-25 में 2 फीसदी घटकर 14 फीसदी रह जाएगी। 2023-24 में बैंकिंग प्रणाली की कर्ज वृद्धि दर 16 फीसदी रही थी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा, बीते वित्त वर्ष के 7.6 फीसदी की तुलना में जीडीपी की वृद्धि दर 2024-25 में घटकर 6.8 फीसदी रह सकती है। इसका असर बैंकों की कर्ज वृद्धि दर पर पड़ने की आशंका है। असुरक्षित कर्जों पर अधिक जोखिम भार और उच्च आधार जैसे आरबीआई के उपायों से भी ऋण वृद्धि प्रभावित हो सकती है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, क्रिसिल ने कहा, कॉरपोरेट ऋण की वृद्धि दर 2024-25 में 13 फीसदी रह सकती है। हालांकि, खुदरा कर्ज की वृद्धि 2023-24 के 17 फीसदी से घटकर 16 फीसदी पर आ सकती है। इसके बावजूद यह बैंकों के लिए सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र बना रहेगा। एमएसएमई क्षेत्र को दिए जाने वाले कर्ज की वृद्धि दर भी 19 फीसदी से घटकर 15 फीसदी पर आ सकती है।
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