मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई और उसके सीईओ सैम ऑल्टमैन के लिए एक अच्छी खबर है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने फरवरी में दर्ज कराए मुकदमे को वापस ले लिया है। दरअसल, अरबपति उद्यमी मस्क ने आरोप लगाया था कि ओपनएआई ने मानवता के फायदे के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विकसित करने के अपने मूल मिशन को पीछे छोड़ दिया। अब वह सिर्फ पैसा कमाने पर ध्यान दे रही है। एलन मस्क का आरोप था कि कंपनी ने लोगों की भलाई के लिए एआई सिस्टम बनाने के अपने लक्ष्य के साथ समझौता किया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह मुकदमा विशेष रूप से ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन और अध्यक्ष ग्रेग ब्रॉकमैन के खिलाफ दर्ज कराए गए थे। इसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी एक ओपन-सोर्स यूनिट बने रहने के बजाय, माइक्रोसॉफ्ट की एक क्लोज-सोर्स सहायक कंपनी में बदल गई है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, सैन फ्रांसिस्को सुपीरियर कोर्ट में दाखिल एक फाइलिंग के अनुसार, मस्क के वकीलों ने कैलिफोर्निया राज्य की अदालत से फरवरी में दायर मुकदमे को खारिज करने के लिए कहा। हालांकि अभी तक यह सामने नहीं आया है कि उन्होंने मामले को वापस लिए जाने का कारण क्या दिया। दिलचस्प बात यह है कि आज एक सुपीरियर कोर्ट के जज मुकदमे को रद्द करने के लिए ओपनएआई का पक्ष भी सुनने वाले थे।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, मस्क ने बिना किसी पूर्वाग्रह के केस को वापस ले लिया है। इसका यह मतलब भी हो सकता है कि वह इसे कभी भी फिर से दायर कर सकते हैं। मुकदमा ओपनएआई को लेकर मस्क के लंबे समय से चले आ रहे विरोध का नतीजा है। मस्क इस स्टार्टअप के को-फाउंडर थे। मस्क के अलग होने के बाद ओपनएआई को माइक्रोसॉफ्ट से अरबों डॉलर की फंडिंग मिली और आज यह जेनेरिक एआई का चेहरा बन गया है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, कुछ महीनों पहले ओपनएआई ने अदालत में दायर याचिका में तर्क दिया था कि मुकदमा गलत दावों पर आधारित है। इसमें मस्क द्वारा अपने खुद के एआई के फायदे के लिए ओपनएआई को नुकसान पहुंचाने की बात कही गई थी। ओपनएआई के वकीलों ने कहा था कि ओपनएआई ने जो कमाल की एडवांस टेक्नोलॉजी हासिल की है, उसे देखकर मस्क भी वही सफलता अपने लिए चाहते हैं। इसके जवाब में मस्क ने अप्रैल में दायर की गई कोर्ट फाइलिंग में कहा था कि ओपनएआई गलत और विवादित तथ्यों पर मुकदमे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुकदमे में मस्क ने न्यायाधीश से अपील की थी कि वह ओपनएआई को अपने रिसर्च और टेक्नोलॉजी को पब्लिक के लिए उपलब्ध कराने के लिए मजबूर करें। साथ ही इस अपील में स्टार्टअप को माइक्रोसॉफ्ट और दूसरों के फाइनेंशियल बेनिफिट के लिए जीपीटी -4 सहित अपने ऐसेट्स या संपत्तियों का उपयोग करने से रोकने की भी बात कही गई थी। बताते चलें कि मस्क ने पिछले साल जुलाई में अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप XAI की शुरुआत की है।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, चैट जीपीटी ने बहुत कम समय में पूरी दुनिया में काफी लोकप्रियता हासिल की है। इसने गूगल, सैमसंग और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया है। मस्क ने लंबे समय से माना है कि एजीआई मानवता के लिए एक गंभीर खतरा है। ऑल्टमैन साल 2019 में ओपनएआई के सीईओ बने थे। ओपनएआई ने 22 सितंबर 2020 को माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक समझौता किया, जिसमें विशेष रूप से माइक्रोसॉफ्ट को उसके जेनरेटिव प्रीट्रेन्ड ट्रांसफार्मर (जीपीटी) -3 लैंग्वेज मॉडल का लाइसेंस दिया गया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, चैटजीपीटी ओपनएआई का चैटबॉट है, जिसे नवंबर 2022 में लॉन्च किया गया था। लॉन्च होने के बाद चैटजीपीटी छह महीने के भीतर दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला सॉफ्टवेयर ऐप्लिकेशन बन गया। चैटजीपीटी ने माइक्रोसॉफ्ट, अल्फाबेट और कई स्टार्टअप्स के कॉम्पिटिटर चैटबॉट्स के लॉन्च को भी बढ़ावा दिया। अपनी शुरुआत के बाद से चैटजीपीटी को कई कंपनियों ने अपने डॉक्यूमेंट की समराइजिंग करने से लेकर कंप्यूटर कोड लिखने तक कई तरह के कामों के लिए अपनाया है। जिससे बड़ी टेक कंपनियों के बीच जेनरेटिव AI पर आधारित अपनी पेशकश लॉन्च करने की होड़ शुरू हो गई है।