मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देश में अवैध रूप से रह रहे एक चीनी नागरिक के खिलाफ कार्रवाई की है। एजेंसी ने उसकी 13 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने यह कार्रवाई धनशोधन मामले में अपनी जांच के तहत की। ईडी का मामला उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल के चीनी नागरिक जू फेई, उसके भारतीय सहयोगी रवि नटवरलाल ठक्कर और कुछ अन्य के खिलाफ दर्ज एफआईआर और आरोपपत्र पर आधारित है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में बताया कि जू फेई अवैध रूप से भारत में रह रहा था। वह रवि और अन्य लोगों के साथ मिलकर एनसीआर में अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने और रहने वाले चीनी नागरिकों समेत अन्य लोगों के लिए संदिग्ध होटलों, क्लबों को संचालित और नियंत्रित कर रहा था। आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ मिलीभगत कर डमी निदेशकों वाली कई फर्जी कंपनियां शुरू कीं और ऐसी कंपनियों की आड़ में रूपे प्लस, लकी वॉलेट, फ्लैश पैसा, पैसा करो, हाय पैसा और राधा मनी जैसे विभिन्न तत्काल ऋण ऐप संचालित कर रहे थे।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, ईडी ने बताया कि आरोपी कर्जदारों के व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच बनाते थे और कर्ज वसूली की आड़ में उन्हें ब्लैकमेल करते थे तथा धमकाते थे। इस तरह उन्होंने पूरे देश में लोगों को ठगा और करोड़ों रुपये की भारी रकम जुटाई। यह पैसा फर्जी, कागजी और बेनामी कंपनियों का उपयोग करके परिपत्र लेनदेन के माध्यम से कंपनियों के एक जाल में डाला गया, जिन्हें ‘चीनी कार्टेल’ की ओर से नियंत्रित किया जा रहा था। ईडी ने बताया कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ठक्कर और अन्य ‘लाभकारी स्वामित्व वाली’ 13.58 करोड़ रुपये की बैंक और सावधि जमा, अचल संपत्तियों और बीमा पॉलिसियों को कुर्क करने के लिए एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया था।
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