मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश में स्लीपर सेल और विस्फोटक बनाने के मामले में सात आतंकियों के खिलाफ गुरुवार को आरोप पत्र दायर किया। उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए। इसे एनआईए का आईएस से जुड़े भारत विरोधी नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इन सातों आरोपियों को पहले एनआईए बेल्लाई आईएस मॉड्यूल मामले में गिरफ्तार किया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एजेंसी के एक अधिकारी के मुताबिक, एनआईए ने आतंकियों के स्लीपर सेल में काम करने वाले युवाओं को मुजाहिद्दीन के रूप में भर्ती करने और उन्हें कट्टरपंथी बनाने का आरोप लगाया है। उनका मकसद आईए की साजिश के तहत 2025 तक भात के प्रत्येक जिले में 50 स्लीपर सेल तैयार करना था। आरोपी भारत सरकार के खिलाफ जिहाद छेड़ने और इसके लिए विस्फोटकों के निर्माण में शामिल थे। ये लोग सक्रिय रूप से आईएस विचारधारा का प्रचार करने में लगे हुए थे। एजेंसी ने कहा कि स्लीपर सेल को भारतीय सैनिकों, पुलिस और धार्मिक संगनों के नेताओं पर हमले करने के लिए तैयार किया जा रहा था।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, एनआईए ने मामला दिसंबर, 2023 में दर्ज किया था। जांच में पता चला है कि आईएस आतंकी बेल्लारी मॉड्यूल की अलगाववादी और हिंसक विचारधारा से प्रेरित होकर काम कर रहे थे। उनकी ओर से तैयार किए गए विस्फोटक उपकरण देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हिंसा फैलाने के लिए थे।
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