मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पहाड़ी राज्यों समेत पूरा उत्तर पश्चिम, उत्तर और पूर्वी भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। जम्मू से लेकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में पारा 40 डिग्री को पार कर गया है। मौसम विभाग ने पंजाब और हरियाणा समेत 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अगले चार से पांच दिन लू का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान अधिकतम तापमान 44 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच बने रहने की संभावना है। पांच दिन बाद कुछ इलाकों में मानसून पूर्व बारिश होने से तपती गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश के मैदानी और निचले हिस्से, उत्तराखंड के मैदानी इलाके, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में अभी और चार से पांच दिन भीषण गर्मी पड़ेगी। इसके अलावा उत्तरी राजस्थान, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के गंगा किनारे वाले क्षेत्र और उत्तरी ओडिशा में भी अभी कम से कम पांच दिनों तक गर्मी का सितम जारी रहेगा। इन राज्यों कुछ इलाकों में भीषण तो कुछ अत्यधिक भीषण लू चलने की संभावना है। लोगों से बिना जरूरी काम के घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, आईएमडी ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान भी इन इलाकों में भीषण लू चली और पारा 44 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा। इस दौरान बिहार के बक्सर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 47.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी पारा पिछले कुछ दिनों से 44 डिग्री के आसपास बना हुआ है। शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में धूल भरी आंधी चली और बूंदाबांदी भी हुई, लेकिन इससे गर्मी से राहत मिलने के बजाय उमस बढ़ गई।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 10 साल बाद शुक्रवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले वर्ष 2014 में जून में ही अधिकतम तापमान 31.4 डिग्री रिकॉर्ड हुआ था।
मीडिया में आई खबर के अनुसार, भारी बारिश के बाद तीस्ता नदी में आए उफान को देखते हुए पश्चिम बंगाल के सिंचाई विभाग ने शुक्रवार को राज्य के उत्तरी जलपाईगुड़ी, दार्जीलिंग और कलीमपोंग जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। सिक्किम में बांध से तीस्ता नदी में पानी छोड़े जाने से उत्तरी बंगाल में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिक्किम में पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश और भूस्खलन के कारण अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कहीं सकड़ें टूट गई है तो कहीं सड़कें नदी में समा गई हैं। मंगन जिले में रास्ते बंद होने से लाचुंग में 1,200 से अधिक घरेलू और 15 विदेशी पर्यटक फंसे हुए हैं। विदेशी पर्यटकों में थाईलैंड के दो, नेपाल के तीन और बांग्लादेश के दस पर्यटक शामिल हैं। फंसे हुए सभी पर्यटक सुरक्षित बताए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पर्यटकों को एयरलिफ्ट करने के लिए केंद्र से बातचीत हो रही है। राज्य में पिछले तीन दिनों में बारिश और बाढ़ के चलते नौ लोगों की जान भी जा चुकी है। मुख्यमंत्री प्रेम तमांग ने उच्चस्तरीय बैठक कर हालात का जायजा लिया। इस बीच, तीस्ता नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे नदी तट के आसपास रहने वाले लोगों में दहशत बढ़ गई है।
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