कैबिनेट फैसला: फोरेंसिक बुनियादी ढांचे पर खर्च होंगे 2,254 करोड़, देश में स्थापित होंगे एनएफएस विश्वविद्यालय

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कैबिनेट फैसला: फोरेंसिक बुनियादी ढांचे पर खर्च होंगे 2,254 करोड़, देश में स्थापित होंगे एनएफएस विश्वविद्यालय
(संसद) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, देश में फोरेंसिक जांच बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2,254.43 करोड़ रुपये की लागत वाली केंद्रीय योजना ‘नेशनल फोरेंसिक इंफ्रास्ट्रक्चर एन्हांसमेंट स्कीम’ (एनएफआईईएस) को मंजूरी दे दी। इस केंद्रीय योजना का खर्च गृह मंत्रालय अपने बजट से प्रदान करेगा। योजना के तहत देश में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के परिसरों की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा देश में केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाएं भी खुलेंगी। एनएफएसयू के दिल्ली परिसर के मौजूदा बुनियादी ढांचे में भी बढ़ोतरी की जाएगी। केंद्र सरकार साक्ष्यों की वैज्ञानिक और समयबद्ध फोरेंसिक जांच के आधार पर एक प्रभावी और कुशल आपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह योजना प्रौद्योगिकी में तेज प्रगति का लाभ उठाते हुए और अपराध के उभरते हुए स्वरूप और तरीकों को देखते हुए एक कुशल आपराधिक न्याय प्रक्रिया के लिए साक्ष्यों की समयबद्ध और वैज्ञानिक जांच में उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षित फोरेंसिक पेशेवरों के महत्व को रेखांकित करती है। नए आपराधिक कानूनों के अधिनियमन के तहत 7 साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक जांच को अनिवार्य बनाया गया है। ऐसे में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के कार्यभार में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। इसके अलावा, देश में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (एफएसएल) में प्रशिक्षित फोरेंसिक पेशेवरों की काफी कमी है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्रिमंडल ने अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 7,453 करोड़ रुपये की व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना को भी मंजूरी दी। इस योजना का लक्ष्य भारत में पहली बार अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करना है। इस योजना के अंतर्गत एक गीगावॉट (गुजरात और तमिलनाडु में से प्रत्येक के तट पर 500 मेगावाट) क्षमता वाली अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना एवं शुरुआत के लिए 6853 करोड़ खर्च किए जाएंगे। अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए लॉजिस्टिक्स संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए दो बंदरगाहों पर 600 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। यह वीजीएफ योजना 2015 में अधिसूचित राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति के कार्यान्वयन की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर मौजूद विशाल अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता का दोहन करना है। सरकार के वीजीएफ समर्थन से अपतटीय पवन परियोजनाओं से मिलने वाली बिजली की लागत कम हो जाएगी और उन्हें डिस्कॉम की ओर से खरीद के लिए व्यवहार्य बनाया जा सकेगा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में फोरेंसिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कैबिनेट में स्वीकृत राशि से न सिर्फ जनशक्ति के प्रशिक्षण को सुनिश्चित करेगी बल्कि त्वरित और बेदाग न्याय वितरण को भी बढ़ाएगी। हमारी सरकार समावेशी विकास और न्याय प्रदान करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है, किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा। सोशल मीडिया पोस्ट में शाह ने देशभर में अत्याधुनिक फोरेंसिक प्रयोगशालाओं और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) परिसरों की पूरी शृंखला खोलकर भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए पीएम मोदी का आभार जताया।

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