मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान में चीन के कर्मचारियों पर बार-बार आतंकी हमले हो रहे हैं। इस बीच, पाकिस्तान के राजनीतिक दलों और सेना ने शुक्रवार को चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ बैठक की। बैठक में पाकिस्तान ने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के कार्यान्वयन के लिए समर्थन की मांग की। दोनों देशों के नेताओं और अधिकारियों के बीच पाकिस्तान-चीन संयुक्त परामर्श तंत्र (जेसीएम) की तीसरी बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य लियू जियानचाओ ने की। बता दें कि लियू जियानचाओ पाकिस्तान के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस बैठक में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल और अन्य दलों के नेता भी उपस्थित रहे। सभी ने पाकिस्तान और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीपीईसी परियोजना के तहत पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ा जाना है। यह चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) की प्रमुख परियोजनाओं में से एक है। चीन ने इस परियोजना के तहत पाकिस्तान में कई बिजली परियोजनाओं और सड़क नेटवर्क में भी अरबों का निवेश किया है। हालांकि बीते कुछ महीनों में विभिन्न परियोजनाओं पर काम की धीमी रफ्तार देखने को मिल रही है। दरअसल पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों द्वारा सीपीईसी परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी कर्मियों पर बार-बार हमले किए जा रहे हैं। ये हमले दोनों ही देशों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गए हैं। बतां दें कि मार्च महीने में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक चीनी कंपनी द्वारा शुरू की गई जलविद्युत परियोजना से जुड़े वाहन पर आतंकी हमला किया गया था। इस हमले में चीन के पांच नागरिक मारे गए थे। इसके अलावा एक पाकिस्तानी नागरिक भी मारा गया था।
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