मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा है कि विकलांगता पेंशन नियम में गलत तरीके से पेंशन मिलना संभव नहीं है। क्योंकि इसके लिए कई स्तर की जांच की जाती है। ये बातें आर्मी हॉस्पिटल(आरएंडआर) के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल अजित नीलकांतन ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कही हैं। सशस्त्र बल कर्मियों के लिए हताहत पेंशन और विकलांगता मुआवजा पुरस्कारों के लिए पात्रता नियम (ईआर), 2023′ नामक नए नियम तीन सेवाओं, सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं और पूर्व सैनिकों के विभाग से जुड़े एक अध्ययन की सिफारिशों के आधार पर लाए गए थे। कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल ने आगे बताया, “नई प्रणाली से अब विकलांगता अनुदान और उसकी मात्रा को तर्कसंगत बनाया गया है। इसलिए हम उस प्रणाली का पालन करते हैं और यह सुचारू रूप से काम कर रही है।”
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले साल अक्टूबर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा था कि सशस्त्र बलों के कर्मियों को विकलांगता पेंशन देने के नए नियम तीनों सेवाओं के बीच व्यापक चर्चा के बाद लाए गए थे। नए नियमों का उद्देश्य पात्र लोगों के हितों की रक्षा करना है। रक्षा मंत्रालय ने अक्टूबर 2023 में सैन्य कर्मियों को विकलांगता पेंशन देने के नियमों में बदलाव किया था। मंत्रालय ने उच्च रक्तचाप और हृदय जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के लिए पेंशन की पात्रता मानदंड में कटौती की थी
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