मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने मुंबई के पासपोर्ट सेवा केंद्रों से जुड़े भ्रष्टाचार गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 1.59 करोड़ रुपये नकद और कई डिजिटल सुबूत जब्त किए हैं। लोअर परेल और मलाड के पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) के 14 अधिकारियों, 18 दलालों और बिचौलियों के खिलाफ 28 जून को 12 मामले दर्ज करने के बाद सीबीआई ने मुंबई और नासिक में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया था। यह सोमवार तक जारी रहा। एक अधिकारी के अनुसार, नकदी के अलावा सीबीआई को पांच डायरी मिली हैं, जिनमें लेन-देन के विवरण और रिश्वतखोरी गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार में कई आरोपित अधिकारी और बिचौलिए संलिप्त थे। इन्होंने अधूरे दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने की अनुमति दी। पासपोर्ट आवेदकों के विवरण में हेरफेर के भी मामले सामने आया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, विदेश मंत्रालय और सीबीआई की सतर्कता शाखा द्वारा पासपोर्ट सेवा केंद्रों में की गई संयुक्त औचक जांच के दौरान अधिकारियों और बिचौलियों की गतिविधियों का पता चला। इसके बाद संदिग्ध अधिकारियों के कार्यालय और मोबाइल फोन को खंगाला गया। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कहा कि संदिग्ध लोक सेवकों के दस्तावेजों, इंटरनेट मीडिया चैट और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) आईडी गतिविधियों के विश्लेषण से पासपोर्ट सेवा केंद्रों के कुछ अधिकारियों द्वारा विभिन्न संदिग्ध लेन-देन किये जाने का पता चला।
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