जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से अमरनाथ यात्रा को अगले आदेश तक दोनों मार्गों (बालटाल और पहलगाम) से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। पवित्र गुफा में सेना का बचाव अभियान जारी है, सेना के हेलिकॉप्टर पवित्र गुफा इलाके से बचाए गए घायलों को निकालने में लगे हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, इस हादसे में अब तक करीबन 15 लोगों की मौत हुई है और लगभग 40 से अधिक लापता हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा इस मुश्किल हालात की पूरी तरह से निगरानी की जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को राहत एवं बचाव कार्य के विषय में जानकारी दी है। सेना की कई टीमें, स्थानीय पुलिस और श्राइन बोर्ड के जवान निरंतर बचाव कार्य में लगे हुए हैं।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने के कारण आई बाढ़ की चपेट में आने से लगभग 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है और करीबन 40 से अधिक लापता और 48 लोग घायल बताए जा रहे हैं। राहत एवं बचाव कार्य बड़े स्तर पर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पूरे मामले में अपनी नजर बनाए हुए हैं। राष्ट्रपति द्वारा भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया गया है।
बादल फटने के बाद पहाड़ से आया सैलाब श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए कुछ लंगरों सहित कई सारे टेंट भी बहा ले गया। मीडिया सूत्रों के अनुसार, सैलाब गुफा के सामने श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए टेंटों के बीचों-बीच निकला। सेना, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ीं कई टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। बाढ़ की चपेट में आए शिविर के टेंटों से निकालकर लोगों को तुरंत पहाड़ की ढलान तक सुरक्षित पहुंचाया गया और कई लोगों को बचाया भी गया। इस हादसे में हुए घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है।