मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने बुधवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को पंजीकरण के समय, परीक्षाओं और भर्ती के विभिन्न चरणों के दौरान स्वैच्छिक आधार पर उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार से प्रमाणीकरण की अनुमति दी है। सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि आयोग ने पिछले महीने प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने के लिए उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, खेडकर पर दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी (नान-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया गया है। यूपीएससी ने जुलाई में खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाइयां शुरू की थीं, जिसमें फर्जी पहचान के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेने के लिए उनके खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज करना भी शामिल था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एक अधिसूचना में कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि यूपीएससी को वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पंजीकरण के समय और परीक्षा, भर्ती परीक्षा के विभिन्न चरणों में उम्मीदवारों की पहचान के सत्यापन के लिए स्वैच्छिक आधार पर आधार प्रमाणीकरण करने की अनुमति है। अधिसूचना में कहा गया है कि आयोग आधार अधिनियम, 2016 के सभी प्रविधानों और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) द्वारा जारी निर्देशों का पालन करेगा। आधार यूआइडीएआइ द्वारा सभी पात्र नागरिकों को बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डाटा के आधार पर जारी किया गया 12 अंकों का नंबर है।
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