मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार , रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में 1.45 लाख करोड़ से टैंक के लिए वायु रक्षा अग्नि नियंत्रण रडार, डोर्नियर-228 विमानों, अगली पीढ़ी के तेज गश्ती और अपतटीय गश्ती जहाजों समेत कई अन्य रक्षा उपकरणों की खरीद के 10 प्रस्तावों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंजूरी दी। इन रक्षा उपकरणों की लागत का कुल 99 फीसदी हिस्सा भारतीय स्तर डिजाइन, विकसित और निर्मित है।
जानकारी के लिए बता दें कि, रक्षा मंत्रालय प्रमुख परियोजनाएं शुरू करने की तैयारी में है, जिसमें भारतीय नौसेना के लिए सात उन्नत फ्रिगेट का निर्माण और भारतीय सेना के टी-72 टैंकों को आधुनिक फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल्स (एफआरसीवी) से बदलने का प्रस्ताव शामिल है। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की आज हुई बैठक में Central Governmentने तीनों सेनाओं के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपये के 10 पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसमें लड़ाकू वाहनों, वायु रक्षा अग्नि नियंत्रण रडार, डोर्नियर-228 विमानों, अगली पीढ़ी के तेज गश्ती और अपतटीय गश्ती जहाजों की खरीद की जानी है। रक्षा अधिकारियों के अनुसार भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17 ब्रावो के तहत सात नए युद्धपोतों का अधिग्रहण करना शामिल है, जो वर्तमान में निर्माणाधीन नीलगिरि श्रेणी के फ्रिगेट के बाद भारत में निर्मित अब तक के सबसे उन्नत स्टील्थ फ्रिगेट होंगे। डीएसी से मंजूरी मिलने के बाद निजी क्षेत्र के शिपयार्ड सहित ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारतीय शिपयार्डों को लगभग 70 हजार करोड़ रुपये की निविदा जारी किये जाने की उम्मीद है। निविदा में श्रेणी ए के शिपयार्ड मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड और लार्सन एंड टूब्रो आदि शामिल होंगे।
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