मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और चार अन्य लोगों ने गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की। मगर मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना करने की अनुमति किसी को नहीं है। पिछले साल मंदिर प्रशासन ने यह प्रतिबंध लगाया था। मगर समय-समय पर वीआईपी के नाम पर इन नियमों को दरकिनार किया जाता है। मंदिर प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। यह पिछले एक महीने में चौथी बार है जब मंदिर के नियमों का उल्लंघन हुआ है, जिससे मंदिर प्रशासन अब और सख्त हो गया है। मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पिछले एक साल से यह नियम लागू है, जिसमें श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
जानकारी के लिए बता दें कि,यह शिखर सम्मेलन ब्रिक्स की ओर से शुरू की गई पहलों की प्रगति का आकलन करने और भविष्य में सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने का भी अवसर प्रदान करेगा। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी रूस में ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों और आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति सिर्फ पुजारियों को होती है। यह नियम पिछले साल से लागू किया गया है ताकि मंदिर में पूजा-अर्चना की मर्यादा बनी रहे। हालांकि, श्रीकांत शिंदे और उनके साथियों के इस नियम का उल्लंघन करने से प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।श्रीकांत शिंदे के गर्भगृह में पूजा करते हुए वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि नियम सबके लिए समान होने चाहिए, चाहे वे किसी बड़े राजनेता के परिवार से ही क्यों न हों।
Image Source : social media
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