भोपाल शहर में आसान नहीं मेट्रो की राह, बैरसिया रोड पर करोंद चौराहे से लेकर सिंधी कालोनी तक मृदा परीक्षण का काम किया जा रहा है

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भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मेट्रो रेल लाइन के दूसरे चरण का काम पुराने शहर में शुरू हो चुका है। बैरसिया रोड पर करोंद चौराहे से लेकर सिंधी कालोनी तक मृदा परीक्षण का काम किया जा रहा है, जिससे जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सके। वहीं कई जगहों पर बड़ी-बड़ी अड़चनें बरकरार हैं, जिनकी वजह से मेट्रो रेल लाइन की राह आसान नजर नहीं आ रही है। इन्हें हटाने के लिए मेट्रो रेल कार्पोरेशन प्रबंधन को, जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों को जद्दोजहद करना पड़ रही है।
बताया जा रहा है कि भोपाल रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म छह के पास के दुकानदारों और लोगों ने वहां से हटने के लिए सहमति पत्र दे दिए हैं। जबकि पुट्ठा मिल को हटाने पर सहमति बनाने का काम जारी है। असल में पुट्ठा मिल के स्थानीय प्रबंधन का कहना है कि इस मामले में सहमति देने का अधिकार दिल्ली स्थित उच्च प्रबंधन को है, क्योंकि मिल का मामला कोर्ट में लंबित है।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मेट्रो प्रोजेक्ट में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए ईरानी डेरा, नर्मदा आइस फैक्ट्री और पुट्ठा मिल वालों के साथ बैठक की थी, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल सका। इस क्षेत्र में मेट्रो के भूमिगत मार्ग और स्टेशन के लिए ढाई एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। इसमें अधिकांश जमीन सरकारी है। ईरानी डेरा, नर्मदा आइस फैक्ट्री के पास 28-28 दुकानदारों ने विस्थापन के लिए सहमति तो दी थी, लेकिन अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
वहीं होटल्स और दुकानदारों को रेलवे माल गोदाम के पास समानांतर रोड पर बसाया जाएगा। जबकि बड़ा बाग और पीजीबीटी के पास की जमीन के अधिग्रहण मामला फिलहाल अटका हुआ है। जब तक यह मामले सुलझ नहीं जाते हैं तब तक मेट्रो का काम रफ्तार नहीं पकड़ पाएगा।

मेट्रो के लिए इन जमीनों का होना है अधिग्रहण

-पुल बोगदा पर मेन जंक्शन के लिए सर्वाधिक जगह की जरूरत। सिर्फ जंक्शन के लिए 0.48 एकड़।
-शहर सर्किल में एक तरफ 1.49 एकड़ पातरा नाले से पहले 0.53 एकड़, इससे आगे 0.54 एकड़ जमीन की आवश्यकता।
-आरा मिल के पास अलग-अलग टुकड़ों में 0.008, 0.184, 0.12, 0.10 एकड़ जमीन की जरूरत।
-ग्रांड होटल के आगे 0.13 और 0.092 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। निजी जमीन हैं।
-भोपाल रेलवे स्टेशन के पास 1.15 एकड़ जमीन नर्मदा आइस फैक्टरी की जमीन ली जाएगी, यहां पार्किंग और स्टेशन बनाया जाएगा।
-भोपाल रेलवे स्टेशन के पास एंट्री एग्जिट प्लाजा के लिए 0.18 एकड़ जमीन चाहिए, यहां ईरानी डेरा है।

इनका कहना है
मेट्रो रेल लाइन के दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है। पुराने शहर में भोपाल रेलवे स्टेशन, पुट्ठा मिल सहित अन्य जगह पर जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है। कुछ जगह पर सहमति बनी है, तो कुछ जगह पर मामला अटका हुआ है। जल्द ही इसे भी सुलझा लिया जाएगा। मेट्रो रेल लाइन बिछाने का काम नियमित रूप से जारी रहेगा।

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News & Image Source: khabarmasala

 

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