मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विभागीय कार्य में लापरवाही और बार लाइसेंस की स्वीकृति में देरी के आरोप को लेकर गाजीपुर के जिला आबकारी अधिकारी (डीईओ) देवेन्द्र जैन को निलंबित कर दिया गया है। आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने उनके विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के तहत भ्रष्टाचार में लिप्त डीईओ के विरुद्ध कार्रवाई की गई है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आबकारी मंत्री ने बताया कि गाजीपुर के आवेदक चन्दन कुशवाहा ने बार लाइसेंस के लिए वर्ष 2022 एवं गाजीपुर के ही अभय प्रताप सिंह ने मई 2023 में बार अनुज्ञापन स्वीकृत किए जाने के लिए आवेदन किया था। दोनों आवेदकों के आवेदन को डीईओ ने आबकारी आयुक्त को काफी देर से प्रेषित किया था। इसकी जानकारी मिलने पर पूरे मामले की प्राथमिक जांच करवाई गई, जिसमें यह बात सामने आई कि उन्होंने भ्रष्टाचार के लिए दोनों आवेदन जानबूझकर आबकारी आयुक्त को देरी से भेजे थे। नतीजतन उन्हें निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग में किसी भी स्तर पर लापरवाही एवं भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी प्रकार की वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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