अवैध खनन को लेकर राजस्थान के भरतपुर में आंदोलन कर रहे साधु संतों में एक बाबा विजयदास की ओर से आत्मदाह के प्रयास के बाद उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बाबा विजयदास उन्हीं संतों के समूह में शामिल थे, जो जिले के पसोपा गांव में पहाड़ों पर हो रहे अवैध खनन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। गुरुवार को उन्होंने आंदोलन के दौरान खुद को आग लगा ली थी। इसके बाद शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार, उनके पार्थिव शरीर को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। आज शनिवार को जिले के बरसाना क्षेत्र में उनका अंतिम संस्कार होगा।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकाचल में हो रहे अवैध खनन के विरोध में साधु-संत आंदोलन कर रहे थे। इसी दौरान आंदोलन स्थल पर संत विजयदास ने आत्मदाह कर लिया। तत्पश्चात् पुलिस और अन्य लोगों ने उन्हें कंबल में लपेट दिया किन्तु तब वह 80 प्रतिशत तक जल चुके थे। उन्हें आरबीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल, फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इसके बाद शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उनके पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।