मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को अपने करीबी विश्वासपात्र काश पटेल को संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक के शक्तिशाली पद के लिए नामित किया है। इसके साथ ही काश पटेल आगामी ट्रंप प्रशासन में सर्वोच्च रैंकिंग वाले भारतीय अमेरिकी बन गए हैं। ट्रंप ने काश पटेल की नियुक्ति की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर की। ट्रंप ने शनिवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि कश्यप ‘काश’ पटेल संघीय जांच ब्यूरो के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे। काश एक शानदार वकील, जांचकर्ता और ‘अमेरिका फर्स्ट’ फाइटर हैं, जिन्होंने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारतीय अप्रवासी के पुत्र पटेल पूर्व रिपब्लिकन कर्मचारी के रूप में ट्रंप के पहले कार्यकाल में रक्षा और खुफिया मामलों में उच्च पदों पर काम कर चुके हैं। पिछले वर्ष उन्होंने वादा किया था कि वह ट्रंप के विरोधी राजनेताओं और पत्रकारों के खिलाफ मोर्चा खोंलेंगे। पटेल, ट्रंप के कितने वफादार हैं, इस बारे में अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार चार्ल्स कप्परमैन ने न्यूयार्क टाइम्स को बताया है। उन्होंने कहा कि 2019 में जब ट्रंप जनता के विरोध का सामना कर रहे थे, उन्होंने ओवल आफिस में शीर्ष सलाहाकारों की एक बैठक बुलाई। इसमें उनके सामने लगी चार कुर्सियों में एक अपेक्षाकृत हैरान करती कुर्सी बेहद छोटे स्तर के कर्मचारी पटेल की भी थी। पटेल राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के डिप्टी रह चुके हैं। फिर वह कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ आफ स्टाफ बने।2016 राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप को लेकर चल रही जांच को लेकर पटेल ने जनता के लिए जारी किए गए चार पन्नों के ज्ञापन ‘नून्स मेमो’ बनाने में काफी मदद की। इससे ट्रंप काफी प्रभावित हुए थे।
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