मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत और चीन के बीच संबंध बढ़ाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखना पहली शर्त है। उन्होंने कहा कि दोनों देश आने वाले दिनों में सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव कम करने और गतिविधियों के प्रभावी प्रबंधन पर चर्चा करेंगे।
विदेश मंत्री ने चीन के साथ भारत के संबंधों में हाल की प्रगति के बारे में आज लोकसभा में वक्तव्य देते हुए कहा कि लगातार राजनयिक संबंधों को प्रतिबिंबित करने वाली हाल की घटनाओं से भारत और चीन के संबंधों में कुछ सुधार हुआ है।
पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई 2020 में भारत और चीन की सेना के बीच आमने-सामने की स्थिति पर, डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन संबंध 2020 से असामान्य रहे हैं। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन द्वारा बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात करने के परिणामस्वरूप कई बिंदुओं पर दोनो्ं सेनाओं के बीच टकराव हुआ।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति के कारण गश्त गतिविधियां भी बाधित हुईं। विदेश मंत्री ने सशस्त्र बलों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि लॉजिस्टिक चुनौतियों और कोविड की स्थिति के बावजूद, भारत तेजी से और प्रभावी ढंग से जवाबी तैनाती करने में सक्षम है।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में अब चरणबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से सेनाएं हटा ली गई हैं।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि 1962 के संघर्ष के परिणामस्वरूप चीन ने अक्साई चिन में 38 हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय भू-भाग पर अवैध कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 1963 में पांच हजार 180 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र अवैध रूप से चीन को सौंप दिया था। यह इलाका 1948 से पाकिस्तान के कब्जे में था।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन सीमा मुद्दे के समाधान के लिए कई दशकों से बातचीत करते रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि भारत, सीमा समाधान के लिए निष्पक्ष, तर्कसंगत और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य नतीजे पर पहुंचने के लिए द्विपक्षीय चर्चाओं के माध्यम से चीन के साथ बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सीमा पर बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए डॉ0 जयशंकर ने कहा कि सीमा के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार ने सेना को स्थिति के अनुरूप कार्रवाई करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कुछ सड़कों और हवाई क्षेत्रों पर काम चल रहा है।
यह, सीमाओं की रक्षा करने और सशस्त्र बलों को सुविधाएं तथा साजो-सामान की आपूर्ति सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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News & Image Source: newsonair.gov.in