मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने कश्मीर घाटी में आतंकी हिंसा के दौर में क्षतिग्रस्त मंदिरों के जीर्णाेद्धार का कार्य शुरु कर दिया है। सबसे पहले पहले दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग और पुलवामा में 17 मंदिरो के संरक्षण और कार्याकल्प के लिए 17 करोड़ रुपये से राशि मंजूर की गई है। संबधित जिला उपायुक्तों की सिफारिशाें के आधार पर पुरातत्व और संग्रहालय विभाग ने इन मंदिरों के संरक्षण, जीर्णाेद्धार और विकास योजना को प्रशासकीय अनुमति प्रदान की है। कश्मीरी हिंदु विगत कई वर्षाें से घाटी में अपने मंदिरों के संरक्षण और उनके जीर्णाेद्धार की मांग कर रहे हैं। विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं के मुताबिक, घाटी में उनके मंदिरों व अन्य धर्मस्थलों को आतंकी हिंसा का दौर शुरू होने से पहले ही सुनियोजित तरीके से निशाना बनाने का षड्यंत्र शुरु हो चुका था। आतंकी हिंसा के दौर में यह षड्यंत्र और तेज हो गया। उनके मुताबिक, कई छोटे मंदिर जो गली-मोहल्लों में या किसी दरिया या पेड़ के पास थे,अब लुप्त हो चुके हैं। कई प्रमुख मंदिर पूरी तरह से जमींदोज हो चुके हैं। कश्मीरी हिंदु घाटी में अपने धर्मस्थलों के संरक्षण एवं विकास के लिए कश्मीरी पंडित धर्मस्थल अधिनियम और श्री माता वैष्णो देवी श्राईण बोर्ड जैसा कोई बोर्ड बनाए जाने की मांग भी करते हैं। वर्ष 2002 के बाद भी घाटी में कई मंदिरों के जीर्णाेद्धार का काम शुर हुआ था जो किन्ही कारणों से बाद में अधर में लटक गया था। मौजूदा प्रदेश सरकार द्वारा मंदिरों के विकास के लिए आवश्यक धनराशि जारी किए जाने से एक बार फिर घाटी में सभी मंदिरो के संरक्षण और विकास की उम्मीद बंधी है। पुरातत्व और संग्रहालय विभाग के प्रशासकीय अनुमोदन के मुताबिक, प्रत्येक मंदिर को उसकी विकास योजना के आधार पर आवश्यक धनराशि प्रदान की जाएगी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दक्षिण कश्मीर में जिला अनंतनाग के पहलगाम स्थित ऐतिहासिक मामलेश्वर मंदिर के जीर्णाेद्धार एवं विकास के लिए 1.698 रुपये, अकिनगाम अनंतनाग में स्थित शिवा भगवती मंदिर के लिए 1.5975 करोड़ रुपये, पहलगाम स्थित गौरी शंकर मंदिर के विकास के लए 77.67 लाख रुपये, सेलिया अनंतनाग स्थित पापरन नाग मंदिर के लिए 92.95 लाख रुपये और खिरम अनंतनाग में स्थित मां रागेण्या भगवती के अस्थापन के संरक्षण एवं जीर्णाेद्धार के लिए 46.49 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। जिला अनंतनाग में ही लरकीपोरा स्थित लोकभवन प्राचीण मंदिर के जीर्णोद्धार के हिए 3.2152 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इस मंदिर को फरवरी 1986 में दंगाइयों ने जला दिया था। तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन मल्हौत्रा ने इसका पुनर्निर्माण कराया था। आतंकियों ने भी इस मंदिर को नुकसान पहुंचाया था। जिला पुलवामा में त्राल के गुफकराल में नव पाषाण काल की गुफाओं के लिए 4.938 करोड़ रुपये, द्रंगबल पांपोर पुलवामा में स्थित श्री सिद्धेश्वर मंदिर के लिए 28.34 लाख रुपये, शिव मंदिर द्रंगबल पांपोर के लिए 38.82 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है। मिडूरा, त्राल अवंतीपोर में मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए 12.70 लाख रुपये की राशि जारी की जाएगी जबकि त्रिचल पुलवाम में मंदिर के जीर्णाेद्धार के लिए 17.18 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। टहाब पुलवामामें मंदिर की मरम्मत और कायाकल्प के लिए 19.60 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इस बीच, गणेश शिव शक्ति अस्थापन कमेटी, अकूरा अनंतनाग के अध्यक्ष आइके रैना ने कहा कि सरकार का मंदिरों के जीर्णाेद्धार के लिए धन को मंजूर किया जाना स्वागतयोग्य है,लेकिन हमनें भी अपने मंदिर के विकास एवं सरंक्षण का प्रस्ताव संबंधित प्रशासन को सौंपा है। उस पर काई कार्रवाईनहीं हुई है। हंगलगुंड अनंतनाग स्थित स्वामी मीरजकाक ट्रस्ट के अध्यक्ष बीएल हंगलू ने भी स्वामी मीरजकाक के मंदिर के विकास के लिए आवश्यक धनराशि जारी करने की मांग की है।
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