मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड सरकार महिलाओं को नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण देगी। बुधवार को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने अपने अभिभाषण के दौरान इसे अमल में लाने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने मुफ्त शिक्षा सहित कई बड़ी घोषणाएं की। राज्य में दोबारा सत्ता में आई हेमंत सरकार इन घोषणाओं के माध्यम से अपने चुनावी वादे भी पूरी करती नजर आई। सरकार द्वारा केजी से पीजी तक छात्रों को मुफ्त शिक्षा। 15 लाख तक का शिक्षा ऋण। रोजगार के लिए 50 लाख तक का ऋण। किसानों को बिना ब्याज ऋण। एससी, एसटी व ओबीसी का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान। गरीबों को हर महीने सात किलो चावल व दो किलो दाल देने की घोषणा। राज्य में मदरसा बोर्ड, अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड व उर्दू अकादमी के गठन करने की घोषणा। राज्य के निबंधित सभी पत्रकारों के लिए बीमा व पेंशन सरकार सुनिश्चित करेगी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने कहा कि केंद्र व राज्य के परस्पर सहयोग से ही चहुंमुखी विकास संभव है। राज्यपाल ने आगे कहा कि कोयला रायल्टी मद में बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये केंद्र से वसूलने के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ेगी। राज्यपाल ने कहा कि सरकार स्थानीय नीति बनाकर आदिवासी, मूलवासी को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में शत-प्रतिशत आरक्षण दिलाएगी। वहीं, पिछड़ा वर्ग को 27%, आदिवासी को 28% व अनुसूचित जाति को 12%आरक्षण देने का विधेयक व सरना आदिवासी धर्म कोड गृह विभाग में लंबित है, जिसे केंद्र से स्वीकृत कराने की पूरी कोशिश सरकार करेगी। इसके अलावा सरकार हो, मुंडारी, कुड़ुख समेत झारखंड की अन्य जनजातीय भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की पहल करेगी।
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