मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं दवाओं की उपलब्धता में कोई कमी नहीं छोड़ी जाए। अस्पतालों में जनता को बेहतर सुविधाएँ मिलें और अस्पताल पेशेंट फ्रेंडली हों। व्यवस्थाओं में आमूलचूल परिवर्तन लाने की भरपूर कोशिश की जाए। अस्पतालों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। शासकीय चिकित्सालयों का स्तर निजी अस्पतालों से बेहतर बनाने के भी प्रयास किए जाएँ। उन्होंने मिशन सेहत में जन-सहयोग लेने पर भी बल दिया। बैठक में 8 अगस्त को इस संबंध में कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस कार्यक्रम का व्यापक प्रचार–प्रसार कराया जाए।
मुख्यमंत्री चौहान आज निवास कार्यालय में कायाकल्प अवार्ड एवं मिशन सेहत कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान सहित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कार्यक्रम की तैयारियों में कोई कमी नहीं रहे। व्यापक प्रचार–प्रसार से जनता को इस बात के लिए जागरूक किया जाए कि उन्हें जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पतालों और प्रायमरी हेल्थ सेंटर में क्या सुविधाएँ दी जा रही हैं। उन्होंने अस्पतालों के अधो-संरचना विकास एवं भवनों के मरम्मत के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 48 जिला चिकित्सालयों में सीटी स्केन की सुविधा मरीजों को उपलब्ध है। तीन अस्पतालों में सीटी स्केन मशीन लगाई जाना प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कैंसर का उपचार जिला चिकित्सालयों के साथ ही सिविल अस्पतालों में भी होगा।
बैठक में मरीजों की सुविधा के लिए ओपीडी का समय प्रात: 9 से दोपहर 2 बजे तक एवं सायं 5 बजे से 6 बजे तक करने की जानकारी दी गई। अस्पतालों में सहायता केंद्र की स्थापना करने पर विचार-विमर्श किया गया। बताया गया कि मिशन सेहत से जुड़े कार्यों के लिए 434 करोड़ रूपए का बजट निर्धारित है। अधो-संरचना विकास एवं भवन रख-रखाव के लिए जिलावार टेंडर किए गए हैं। संस्था प्रभारी को भी राशि दी गई है। मरम्मत के कार्यों पर लगभग 146 करोड़ रूपए की राशि खर्च की जाएगी। रेडियोलॉजिकल जाँच की सुविधाएँ बढ़ाने के लिए 73 करोड़ रूपए की राशि खर्च की जाएगी। इसी तरह पैथालॉजी जाँच की सुविधाओं के लिए 119 करोड़ रूपए के उपकरण क्रय किए जाएंगे। फर्नीचर और पलंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 35 करोड़ रूपए की राशि व्यय की जाएगी। अस्पतालों के लिए 20 हजार नए पलंग खरीदे जाएंगे। चादर, गद्दों एवं लिनन मटेरियल पर 9 करोड़ रूपए खर्च होंगे। चिकित्सालयों में 530 तरह की जीवन रक्षक अत्यावश्यक औषधियों दवाएँ पहुँचाई जाएंगी। ब्लड बैंक एवं ब्लड स्टोरेज सुविधा के साथ डायलिसिस मशीनें भी बढ़ाई जाएंगी। अभी 194 डायलिसिस मशीने उपलब्ध हैं, 102 नई खरीदी जाएंगी। इस पर 8 करोड़ रूपए खर्च होंगे।