नोएडा में साइबर ठगी, वीपीएन के जरिए विदेश से वारदात को अंजाम दे रहे ठग

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नोएडा में साइबर ठगी, वीपीएन के जरिए विदेश से वारदात को अंजाम दे रहे ठग

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, साइबर ठग नोएडा में बैठे लोगों को ठग रहे हैं और ठगों का वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क(वीपीएन) थाइलैंड, कंबोडिया, वियतनाम का आ रहा है। इस तरह से वीपीएन को ठगी का हथियार बना रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के मामलों में लंबे समय तक काल पर जुड़ने के लिए वीपीएन का प्रयोग हो रहा है। नोएडा में डिजिटल अरेस्ट कर सेवानिवृत्त मेजर जनरल से लेकर इंजीनियर, चिकित्सक, बैंक अधिकारी से हुई ठगी में वीपीएन का ही प्रयोग हुआ है। साइबर ठग तकनीकी और मनोवैज्ञानिक रूप से लोगाें को ठग रहे हैं। पुलिस अधिकारी बनकर जांच और आरबीआई से खाता वैरिफाई के नाम पर बैंक खाता खाली कर रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के मामलों में जांच कर रही पुलिस खाता उपलब्ध कराने वालों को दबोच चुकी है लेकिन पूछताछ में केवल खाता देने और धनराशि निकालने के बारे में ही जानकारी मिल पाई है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जबकि वीपीएन संबंधी साक्ष्य कंबोडिया, थाइलैंड, वियतनाम जैसे देशों के मिले हैं। इससे आशंका है कि ठग विदेश में बैठकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। यहां के बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर करा रहे हैं। फिर यूसडीटी, क्रिप्टो के माध्यम से विदेश में बैठे सरगनाओं तक धनराशि पहुंच जा रही है। साइबर पुलिस की मानें तो एक भी कड़ी या चैन टूटने पर केस प्रभावित होता है। इसी का फायदा साइबर ठगी के सरगना उठा रहे हैं। यहीं कारण है कि साइबर ठगी के मास्टरमांइड को लेकर खाली हाथ है। साइबर एक्सपर्ट की मानें तो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क(वीपीएन) का इस्तेमाल सार्वजनिक नेटवर्क पर सुरक्षित और गुमनाम तरीके से डेटा उपयोग करने के लिए किया जाता है। इसमें उपयोगकर्ता के आइपी पते को छिपाकर और डेटा को एन्क्रिप्ट करके काम किया जाता है। ठग वीपीएन का उपयोग कर ठगी कर रहे हैं। सिम व नेटवर्क भी किसी दूसरे व्यक्ति का होता है। ठगी की धनराशि को शैल एकाउंट में ले रहे हैं। साइबर क्राइम पुलिस खाता और सिम देने वालों को दबोच चुकी है। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। डीसीपी साइबर सेल प्रीति यादव ने बताया कि ठगों की पहचान और तलाश में टीम लगी हैं। पुलिस ठगी में शामिल ठगों को लगातार पकड़ रही हैं। ठगों का नेटवर्क तोड़ने की दिशा में भी लगातार काम किया जा रहा है। लोगों को भी लगातार जागरूक करने की पहल हो रही है ताकि लोगों के ठगों के जाल में नहीं फंसे। साइबर क्राइम थाना पुलिस टीम कई लोगों को डिजिटल अरेस्ट होने से भी बचा चुकी है।

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