मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा में सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों का अब डेढ़ लाख रुपये तक निशुल्क उपचार होगा। दुर्घटना के बाद घायल को अधिकतम सात दिन तक अस्पतालों में सरकार के खर्च पर कैशलेस उपचार की सुविधा मिलेगी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का शुरुआती गोल्डन आवर में निशुल्क इलाज कराया जाना है। इसको लेकर प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हरदीप दून ने संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं। यह पायलेट प्रोजेक्ट नेशनल हेल्थ अथॉरिटी द्वारा स्थानीय पुलिस व स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुबंधित अस्पतालों के साथ तालमेल स्थापित करते हुए संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाया जाता है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन सॉफ्टवेयर में घायल व्यक्ति का डेटा अपलोड करके संबंधित पुलिस थाने में भेजेगा। संबंधित पुलिस थाना छह घंटे के भीतर पुष्टि करेगा कि घायल व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हुआ है अथवा नहीं। पुष्टि के उपरांत घायल व्यक्ति को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाती है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए संचालित जागरूकता अभियान के चलते प्रदेश में पिछले साल की अपेक्षा इस साल 616 सड़क हादसे कम हुए हैं। इस दौरान 251 मौतें कम हुईं और 403 लोग कम घायल हुए। उन्होंने बताया कि जनवरी से लेकर नवंबर तक हरियाणा पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के 2166 जागरूकता अभियान चलाए गए जिनमें करीब तीन लाख लोग शामिल हुए। छह विशेष अभियान चलाए गए जिनमें से पांच अभियान लेन ड्राइविंग तथा एक विशेष अभियान वाहनों पर ब्लैक फिल्म लगाने वालों के खिलाफ चलाया गया। विशेष अभियान के दौरान प्रदेश में 27 हजार 321 वाहनों के चालान किए गए। इनमें से 2600 चालान ब्लैक फिल्म लगाने वाले वाहनों के किए गए। सड़क सुरक्षा समिति द्वारा इस साल 19 हजार 261 स्कूल बसों की जांच की गई जिनमें से 4,657 स्कूल बसों के चालान किए गए। ब्लैक स्पाट्स चिन्हित किए गए हैं जहां पर सड़क दुर्घटनाएं अपेक्षाकृत अधिक होती हैं। इन ब्लैक स्पाट्स को संबंधित रोड इंजीनियरिंग विभागों के साथ तालमेल कर ठीक करवाया जाता है। सभी जिलो में सड़क सुरक्षा समिति गठित की गई हैं। प्रदेश में कुल 66 टोल प्लाजा है जिन पर वे-इन-मोशन मशीनें लगाई जानी हैं। इनमें से 54 टोल प्लाजा पर यह मशीनें लगाई जा चुकी हैं जिनमें से 29 वे-इन-मोशन मशीनों के माध्यम से ओवरलोड वाहनों के चालान किए जा रहे हैं। जल्द ही अन्य टोल प्लाजा पर भी यह मशीनें लगाई जाएंगी।
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