वंदना परिहार(Spl Correspondent)
DailyAawaz Exclusive Story:
सनातन परम्परा में अगर ऐसा नहीं किया जाए तो आटे को पिंड का रूप मानते हैं जो कि हिंदू धर्म में अशुभ होता है, हिंदू धर्म में पूर्वजों एवं देह छोड़ चुकी आत्माओं को संतुष्ट करने के लिए पिंड दान की विधि बताई गई है। पिंडदान के लिए जब आटे की लोई (जिसे पिंड कहते हैं ) बनाई जाती है तो वह बिल्कुल गोल होती है। इसका आशय होता है कि यह गूंथा हुआ आटा पूर्वजों के लिए है। मान्यता है कि इस तरह का आटा देखकर पूर्वज किसी भी रूप में आते हैं और उसे ग्रहण करते हैं।
यही कारण है कि जब मनुष्यों के ग्रहण करने के लिए आटा गूंथा जाता है तो उसमें उंगलियों के निशान बना दिए जाते हैं। ताकि वह पिंड न रहे, यह निशान इस बात का प्रतीक होते हैं कि रखा हुआ आटा या लोई पूर्वजों के लिए पिंड नहीं, बल्कि परिजनों के लिए है। इस कारण से आटे पर उंगलियों से निशान बनाए जाने की प्रथा प्रचलित है यह भारतीय सनातन संस्कृति है जो आदि काल से चली आ रही है।
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