मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली भर में अनधिकृत कॉलोनियों में स्थित 150 निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के नियमितीकरण को मंजूरी दे दी है। ये स्कूल, जो मुख्य रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को शिक्षा देते हैं, राजधानी के नरेला, शहीद भगत सिंह कॉलोनी, नजफगढ़, संगम विहार और अन्य क्षेत्रों में स्थित हैं। इस संबंध में राजनिवास के अधिकारियों ने बताया कि पिछले दिनों उपराज्यपाल निवास में हुए संवाद कार्यक्रम के दौरान स्कूलों के प्रिंसिपल व शिक्षकों के साथ चर्चा तथा कई महीनों के विचार-विमर्श करने के बाद यह निर्णय छह जनवरी 2025 को लिया गया। 20 दिसंबर, 2024 को आयोजित बैठक के दौरान नियमितीकरण का मुद्दा उठाया गया, जहां शिक्षकों ने एक दशक से अधिक समय से इन क्षेत्रों में उनके द्वारा सामना की जा रही कठिनाइयों के समाधान की तत्काल जरूरत व्यक्त की थी। अधिकारियों के अनुसार, ये स्कूल 2006 से पहले से चल रहे हैं। हजारों बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के अपने लंबे इतिहास के बावजूद, बिना किसी कानूनी मान्यता के अधर में लटके थे। कई स्कूल शिक्षा निदेशालय, नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण से उत्पीड़न से जूझ रहे थे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एलजी वीके सक्सेना ने कर्मचारियों को पिछले साल जनवरी से लंबित वेतन के भुगतान के लिए दिल्ली अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (डीएसएफडीसी) को अनुदान सहायता जारी करने की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी सोमवार को दी गई। राजनिवास के अधिकारियों ने बताया, एलजी ने सरकार से अब बंद हो चुके नगर निगम के लिए एक ठोस पुनरुद्धार योजना लाने को भी कहा है। प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उन्होंने एक समय मजबूत निगम की वर्तमान स्थिति के लिए आप सरकार की आलोचना की, जिसने सबसे हाशिए पर रहने वाले एससीएसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के उद्यमियों को वित्तीय सहायता की पेशकश की थी। उन्होंने कहा, “जानकर आश्चर्य हुआ कि डीएसएफडीसी, जिसका उद्देश्य एससी/एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों व दिव्यांग व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और लक्ष्य समूह को उनके आर्थिक उत्थान के लिए सहायता प्रदान करना है, के पास खुद के कर्मचारियों को वेतन देने के जनवरी, 2024 पैसे नहीं हैं। नगर निगम के पास अपना कोई कोष भी नहीं है और वह संपत्तियों के किराये से होने वाली आय पर चल रहा है।”
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