मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली में विधानसभा चुनाव का एलान होते ही बीते मंगलवार को ही गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को 70 कंपनियां अर्द्धसैनिक बल (बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, राजस्थान आर्म्ड फोर्स) मुहैया करा दी। उक्त बलों को सभी 15 जिले के डीसीपी के हवाले कर दी गई है। जिला पुलिस द्वारा हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक कंपनी अर्द्धसैनिक बल की तैनाती कर दी गई है। ये चुनाव संपन्न होने तक इलाके में नियमित तौर पर गश्त करते रहेंगे। असामाजिक तत्वाें से निपटने के अलावा ये बल मुखबिर के तौर पर किसी भी तरह की गड़बड़ी के बारे में स्थानीय पुलिस को इनपुट साझा करेंगे। अर्द्धसैनिक बल की एक कंपनी में 130 से 140 जवान शामिल हैं। चुनाव सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि चुनाव में सबसे अधिक शराब की जमाखोरी, बंटवारे व पैसों के बंटवारे के मामले सामने आते हैं। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने करीब 150 सर्विलांस टीमें बनाई हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्टेटिक सर्विलांस व फाइनेंसियल सर्विलांस नाम से गठित ये टीमें शराब की जमाखोरी से लेकर पैसों के बंटवारे पर विशेष रूप से नजर रखेगी। सभी थानों से इन्हें आवश्यकता अनुसार पुलिस मुहैया कराई जाएगी। पुलिस अधिकारी का कहना है कि कुछ समय बाद होम गार्ड व अन्य राज्यों की पुलिस भी आने पर जिल पुलिस को मुहैया करा दी जाएगी। चुनाव संपन्न कराने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक संयुक्त आयुक्त व एक डीसीपी के नेतृत्व में दो चुनाव सेल गठित किया है। इन दोनों सेल में तैनात पुलिस अधिकारी पूरी दिल्ली के चुनाव पर नजर रख रहे हैं। जिला स्तर पर भी अपने-अपने जिले पर नजर रखने के लिए सभी 15 जिले के डीसीपी ऑफिस में एक-एक चुनाव सेल बनाया गया है। थाना स्तर पर एसएचओ के नेतृत्व में उनके रीडर, मालखाना व रिकॉर्ड के प्रभारियों की टीम हर दिन की चुनाव तैयारी, इलाके में पकड़े गए असामाजिक तत्वों व बरामद सामान आदि के बारे में अपने सब डिवीजन के एसीपी से रिपोर्ट साझा करेंगे। वहां से उक्त रिपोर्ट को मुख्यालय के चुनाव सेल के पास भेजी जाएगी। फिर वहां से चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजी जाएगी। सभी जिला पुलिस ने जमानत पर बाहर आए बदमाशों, असामाजिक तत्वों व घोषित बदमाशों की धर पकड़ शुरू कर दी है। इन्हें चुनाव संपन्न होने तक जेल में रहना होगा। लाइसेंसिंग यूनिट के संयुक्त आयुक्त भोला शंकर जायसवाल ने सभी जिले के डीसीपी को पत्र लिख कहा है कि वे अपने-अपने जिले में जिन लोगों से पास लाइसेंसी हथियार हैं उन्हें संबंधित थानों में चुनाव संपन्न होने तक जमा करवा लें। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कितने घोषित बदमाश पकड़े गए थे, कितने अपराधी पकड़े गए। किन-किन इलाकों में कितने-कितने बूथ, संवेदनशील व अति संवेदनशील थे, कितने शराब तस्कर पकड़े गए, चुनाव सेल ने इस संबंध में डाटा एकत्र कर उसका भी आंकलन शुरू कर दिया है।
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