मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर डॉक्टरों से वसूली करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए, उत्तरी-पश्चिम जिला पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी स्थित सिढ़पुरा गांव के प्रधान समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ये डॉक्टरों को धमकी भरे पत्र भेजकर रुपयों की मांग करते थे। एक डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने यह बड़ी कार्रवाई की है। इनके कब्जे से पुलिस ने आठ स्मार्ट फोन, तीन बटन वाले फोन, सिमकार्ड, 12 एटीएम, तीन लैपटॉप, 140 आगे दूसरे डॉक्टरों को भेजने वाले पत्र व अन्य सामान बरामद किए हैं। पुलिस पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है। आरोपितों की पहचान उत्तर प्रदेश स्थित मैनपुरी के गांव सिढ़पुरा निवासी सबल सिंह, गाजियाबाद के ऋषि उर्फ राहुल शर्मा, आगरा के हर्ष उर्फ आकाश व गाजियाबाद निवासी अरुण शर्मा के रूप में हुई है। उत्तरी-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि लॉरेंस विश्नोई गिरोह से इनका कोई संबंध नहीं है। इन्होंने दिल्ली के 10 डॉक्टरों को लॉरेंस विश्नोई गिरोह के नाम पर धमकी भरे पत्र भेजे थे। वसूली से पहले यह मोबाइल टावर लगाने के नाम पर ठगी करते थे। इस काम को छोड़कर आरोपितों ने वसूली की योजना बनाई। फिर इन्होंने दिल्ली के दस बड़े अस्पताल के डॉक्टरों को वसूली के लिए पत्र भेज दिए।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने बताया कि धमकी भरे पत्र मिलने के बाद दीपचंद बंधु अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर अनिमेष ने भारत भारत नगर थाने में पहुंच इसकी शिकायत की। डॉक्टर ने बताया कि पत्र में एक बैंक खाते का हवाला देकर रुपये वहां डालने के लिए कहा गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपितों ने करीब 10 डॉक्टरों को इसी तरह के पत्र भेजकर पैसों की मांग की है। आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस अधिकारी ने एक टीम बनाई। जांच टीम ने सबसे पहले उस खाते की जांच की, जिसमें डॉक्टरों से रकम डालने के लिए कहा गया था। पुलिस जांच में खाता धारक का पता फर्जी मिला। लेकिन खाते से अटैच मोबाइल नंबर पर एक एलपीजी गैस कनेक्शन होने का पता चला। जिसके आधार पर पुलिस ने खाता धारक अरुण वर्मा को गाजियाबाद से दबोच लिया। वहीं, जांच में पता चला कि नवंबर और जनवरी में तीन बार इस बैंक खाते का इस्तेमाल कर शराब मंगवाई गई है। जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपित ऋषि उर्फ राहुल शर्मा को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान आरोपित ऋषि ने बताया कि वर्ष 2015 तक उसने अपनी कंपनी चलाई। जहां सबल सिंह व हर्ष काम करते थे। घाटा होने के बाद 2015 में कंपनी बंद कर दी थी। जिसके बाद सबल और हर्ष ने ऋषि के साथ मिलकर मोबाइल टावर के नाम पर ठगी शुरू कर दी। इस काम में रिस्क अधिक होने की वजह से बाद में इन्होंने लॉरेंस विश्नोई गिरोह के नाम पर खौफ दिखाकर डॉक्टरों से वसूली की योजना बनाई। पुलिस पूछताछ में पता चला कि सबल सिंह 2021 से अपने गांव का प्रधान है।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें